Vat Savitri Vrat 2023: इस साल किस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

By अंजली चौहान | Published: May 17, 2023 04:39 PM2023-05-17T16:39:51+5:302023-05-17T17:28:25+5:30

हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।

Vat Savitri Vrat 2023 On which day will Vat Savitri Vrat be observed this year? Know auspicious time and method of worship | Vat Savitri Vrat 2023: इस साल किस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

फाइल फोटो

Highlightsवट सावित्री व्रत हिंदू सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाता हैइस साल शुक्रवार 19 मई को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखती हैं

Vat Savitri Vrat 2023: हिंदू महिलाओं द्वारा प्रति वर्ष वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस दिन बरगद की पूजा की जाती है और यह व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाया जाता है।

वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन व्रत करती हैं और विधि-विधान से पूजा करती हैं।

ऐसे में साल 2023 में भी वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा लेकिन इस साल किस दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा ये कई लोगों को नहीं मालूम ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं किस दिन पड़ रहा वट सावित्री का व्रत...

वट सावित्री व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त 

वट सावित्री व्रत इस साल 19 मई शुक्रवार को रखा जाएगा। 

अमावस्या तिथि प्रारंभ- मई 18, 2023 को 09:42 अपराह्न

अमावस्या तिथि समाप्त- 19 मई, 2023 को रात्रि 09: 22 बजे

वट सावित्री व्रत पारण- शनिवार, 20 मई 2023

वट सावित्री व्रत पूजा सामग्री

वट सावित्री व्रत के लिए सावित्री और सत्यवान की मूर्तियाँ, बाँस का पंखा, कच्चा धागा, लाल पवित्र धागा (कलावा), बरगद का फल, धूप, मिट्टी का दीपक, फल, फूल, बताशा (मिठाई), सिंदूर (रोली), इत्र का प्रयोग किया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वट सावित्री व्रत का महत्व करवा चौथ के समान ही है। इस दिन, विवाहित महिलाएं विशिष्ट अनुष्ठानों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, जिसे वट वृक्ष भी कहा जाता है।

माना जाता है कि बरगद के पेड़ की पूजा करने से दीर्घायु, समृद्धि, अखंड सुख की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के संघर्ष और दुखों का नाश होता है।

मान्यताओं के अनुसार इस दिन, सावित्री ने अपने पति सत्यवान के जीवन को यमराज (मृत्यु के देवता) के चंगुल से छुड़ाया था। तभी से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना से यह व्रत करती हैं।

वट सावित्री व्रत पूजन विधि

- वट सावित्री व्रत के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि करने के बाद लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें।

- इसके बाद महिलाएं पूरा सोलह श्रृंगार करें और अच्छे कपड़े पहने।

- सभी पूजा सामग्री को इकट्ठा करें और पूजा के लिए थाली सजाएं।

- इसके बाद आस-पास के किसी बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री और सत्यवान की मूर्ति स्थापित करें।

- बरगद के पेड़ और फूल, चावल के दाने, गुड़ और मिठाई पर जल चढ़ाएं।

- बरगद के पेड़ के चारों ओर एक धागा बांधकर उसकी सात परिक्रमा करें और वट सावित्री की कथा का पाठ या श्रवण करें। 

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सुझाव सामान्य जानकारी पर आधारित है और इसकी पुष्टि लोकमत हिंदी नहीं करता है।)

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