लाइव न्यूज़ :

Kalashtami: काल भैरव को इस मंदिर में चढ़ाई जाती है शराब, देखते-देखते प्याला हो जाता है खाली

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 19, 2019 08:46 IST

Kalashtami: क्या कोई मूर्ति मदिरा (शराब) का सेवन कर सकती है। इसका सीधा जवाब यही है कि नहीं, ऐसा कभी नहीं हो सकता है। हालांकि, मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित काल भैरव के मंदिर के बारे में जो मान्यताएं हैं वे किसी को भी हैरान कर देंगी।

Open in App
ठळक मुद्देKalashtami: उज्जैन में भगवान काल भैरव के मंदिर में चढ़ाई जाती है शराब मान्यताओं के अनुसार भगवान काल भैरव की प्रतिमा प्याले को मुंह पर लगाने के बाद शराब पीती है

Kalashtami: भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव को समर्पित कालाष्टमी का व्रत आज है। यह व्रत हर माह की कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ये 19 दिसंबर (गुरुवर) को है। इस दिन काल भैरव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है काल भैरव से काल भी डरता है। इसलिए काल भैरव की पूजा करने वाले भक्तों का कभी कुछ बुरा नहीं होता। 

साथ ही काल भैरव की पूजा से तमाम भय भी मन से दूर होते हैं। यही नहीं, काल भैरव की पूजा से शनि और राहू जैसे ग्रह भी शांत हो जाते हैं। वैसे, क्या आप जानते हैं कि काल भैरव को कई भक्त मदिरा (शराब) भी अर्पण करते हैं। ये सुनने या देखने में अजीब लग सकता है लेकिन उज्जैन के काल भैरव मंदिर की ये एक सच्चाई है। यहां न केवल भगवान काल भैरव को शराब चढ़ाई जाती है बल्कि उनकी प्रतिमा इसे स्वीकार भी करती है। 

काल भैरव के मंदिर में चढ़ाई जाती है शराब

क्या कोई मूर्ति मदिरा (शराब) का सेवन कर सकती है। इसका सीधा जवाब यही है कि नहीं, ऐसा कभी नहीं हो सकता है। हालांकि, मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित काल भैरव के मंदिर के बारे में जो मान्यताएं हैं वे किसी को भी हैरान कर देंगी। महाकाल की नगरी उज्जैन में काल भैरव के इस मंदिर में प्रसाद के साथ-साथ शराब भी चढ़ाई जाती है। 

दिलचस्प ये है कि कटोरे में शराब जब भगवान काल भैरव की प्रतिमा के मुंह के सामने लाया जाता है तो ये शराब वहां से धीरे-धीरे गायब होने लगता है। ये शराब कहां जाता है, इसे लेकर रहस्य अब भी बना हुआ है। यहां हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमरती है और कई लोग इस चमत्कार को अपने आंखों से देखते हैं। ये मंदिर महाकाल से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है।

काल भैरव के मदिरापान का क्या है रहस्य

इसे लेकर कई बार बहस हो चुकी है लेकिन कुछ भी ठोस निकलकर अब तक सामने नहीं आ सका है। काल भैरव का ये मंदिर लगभग 6 हजार साल पुराना है। इस मंदिर को लेकर कई तरह की कहानियां भी प्रचलित है। इसके अनुसार उज्जैन के राजा भगवान महाकाल ने ही काल भैरव को शहर की रक्षा के लिए इस स्थान पर नियुक्त किया है। यही कारण है कि काल भैरव को उज्जैन शहर का कोतवाल भी कहा जाता है।

टॅग्स :काल भैरव मंदिरउज्जैनभगवान शिव
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेVIDEO: काल भैरव मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ मारपीट, सिक्युरिटी गार्ड्स ने महिला को धक्का देकर मंदिर के बाहर किया

कारोबारविश्व देखेगा सिंहस्थ का वैभव, सीएम डॉ यादव ने कहा-किसानों के सम्मान में लैंड पूलिंग निरस्त

क्राइम अलर्टपथ संचलन का स्वागत करने पर वक्फ बोर्ड चेयरमैन और डायरेक्टर को सिर कलम करने की धमकी, पुलिस ने दो लोगों पर किया केस दर्ज

भारत15 दिन विशेष मार्गों से मंदिर में आने पर बैन, सामान्य दर्शनार्थी की तरह आएंगे, श्री महाकाल मंदिर गर्भगृह में संत-पुजारी विवाद, दोनों पर एक्शन

पूजा पाठMahakal Lok News: बाबा महाकाल का अपना बैंड और मजबूत करेगा आपकी भक्ति, उपवास वालों को आध्यात्मिक शक्ति देगा श्री अन्न का प्रसाद

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार