भगवान शिव का यह खास मंत्र दूर करेगा सारे कष्ट, ऐसे लें भोलेनाथ का नाम

By गुणातीत ओझा | Published: November 2, 2020 09:18 AM2020-11-02T09:18:02+5:302020-11-02T09:18:02+5:30

भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भलेनाथ की आराधना करनी चाहिए। कहा जाता है कि भोलेनाथ ही एक ऐसे देवता हैं जो भक्तों की आराधना बहुत जल्दी सुन लेते हैं।

This special mantra of Lord Shiva will remove all the troubles take the name of Bholenath in this way | भगवान शिव का यह खास मंत्र दूर करेगा सारे कष्ट, ऐसे लें भोलेनाथ का नाम

lord shiva mantra

Highlightsइस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन कम से कम 108 बार करना चाहिए।

आज सोमवार (Monday) के दिन भोलेनाथ (Lord Shiva) की भक्तों पर विशेष कृपा बनती है। सोमवार  का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने वालों के सभी कष्ट दूर होते हैं, सभी मनोकामना पूरी होती है। मान्यता है कि भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भलेनाथ की आराधना करनी चाहिए। कहा जाता है कि भोलेनाथ ही एक ऐसे देवता हैं जो भक्तों की आराधना बहुत जल्दी सुन लेते हैं। भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं, जो भी भगवान शिव की आराधना करता है उसके सारे कष्ट हमेशा के लिए मिट जाते हैं। शिवपुराण में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र को सारे कष्टों को दूर करने वाला मंत्र बताया गया है।

ऐसे करें 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप

-हमारे हिन्दू धर्मशास्त्रों में इस चमत्कारी मंत्र का जाप करने के लिए किसी खास समय का निर्धारण नहीं किया गया है। इसका मतलब यह है कि इस मंत्र का जाप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी कर सकते हैं।

-इस मंत्र का जाप नदी के किनारे शिवलिंग की स्थापना कर, किसी वन या शांत स्थान पर या घर में रहते हुए भी कर सकते हैं।

-इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए।

-इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।

-इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन कम से कम 108 बार करना चाहिए।

उपयोग

यह मंत्र के मौखिक या मानसिक रूप से दोहराया जाते समय मन में भगवान शिव की अनंत व सर्वव्यापक उपस्थिति पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। परंपरागत रूप से इसे रुद्राक्ष माला पर 108 बार दोहराया जाता है। इसे जप योग कहा जाता है। इसे कोई भी गा या जप सकता है, परन्तु गुरु द्वारा मंत्र दीक्षा के बाद इस मंत्र का प्रभाव बढ़ जाता है। मंत्र दीक्षा के पहले गुरु आमतौर पर कुछ अवधि के लिए अध्ययन करता है। मंत्र दीक्षा अक्सर मंदिर अनुष्ठान जैसे कि पूजा, जप, हवन, ध्यान और विभूति लगाने का हिस्सा होता है। गुरु, मंत्र को शिष्य के दाहिने कान में बोलतें हैं और कब और कैसे दोहराने की विधि भी बताते हैं।

प्रभाव

यह मंत्र प्रार्थना, परमात्मा-प्रेम, दया, सत्य और परमसुख जैसे गुणों से जुड़ा हुआ है। सही ढंग से मंत्र जप करने से यह मन को शांत, आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि और ज्ञान लाता है । यह भक्त को शिव के पास भी लाता है। परंपरागत रूप से, यह स्वीकार किया गया है कि इस मंत्र में समस्त शारीरिक और मानसिक बीमारियों को दूर रखने के शक्तिशाली चिकित्सकी गुण हैं। इस मंत्र के भावपूर्ण पाठ करने से दिली शांति और आत्मा को प्रसन्नता मिलती है। कई हिन्दू शिक्षकों का विचार है कि इन पाँच अक्षरों का दोहराना शरीर के लिए साउंड थैरेपी और आत्मा के लिए अमृत के भांति है।

Web Title: This special mantra of Lord Shiva will remove all the troubles take the name of Bholenath in this way

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे