रविवार व्रत-पूजाः आज से शुरू करें सूर्य देवता की पूजा, मिलेगा मान-सम्मान.. धन-यश व अच्छा स्वास्थ्य, जानें विधि और शुभ मुहूर्त

By गुणातीत ओझा | Published: June 14, 2020 06:07 AM2020-06-14T06:07:23+5:302020-06-14T06:07:23+5:30

शास्त्रों के अनुसार जिन व्यक्तियों की कुण्डली में सूर्य पीड़ित अवस्था में हो, उन व्यक्तियों के लिये रविवार का व्रत करना विशेष रूप से लाभकारी रहता है। इसके अतिरिक्त रविवार का व्रत आत्मविश्वास में वृ्द्धि करने के लिये भी किया जाता है।

Sunday fast-worship: Start worshiping god Sun from today to get respect honor Wealth fame and good health learn method and auspicious time | रविवार व्रत-पूजाः आज से शुरू करें सूर्य देवता की पूजा, मिलेगा मान-सम्मान.. धन-यश व अच्छा स्वास्थ्य, जानें विधि और शुभ मुहूर्त

सूर्य देव को समर्पित होता है रविवार का दिन, व्रत रखने से पूरी होती है मनोकामना।

Highlightsजिन व्यक्तियों की कुण्डली में सूर्य पीड़ित अवस्था में हो, उन व्यक्तियों के लिये रविवार का व्रत करना विशेष रूप से लाभकारी रहता है।आज के दिन सूर्य देवता की पूजा व उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है।

Sunday Pooja and Fast: रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है। आज के दिन सूर्य देवता की पूजा व उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है। रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है। मुक्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है। रविवार व्रत महत्व (Importance of Sunday Fast) यह व्रत किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से प्रारम्भ करके कम से कम एक वर्ष और अधिक से अधिक बारह वर्ष के लिये किया जा सकता है

जानें क्या है जरूरी

-प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त हो, स्वच्छ वस्त्र धारण कर परमात्मा का स्मरण करें।
-एक समय भोजन करें।
-भोजन इत्यादि सूर्य प्रकाश रहते ही करें।
-अंत में कथा सुनें
-इस दिन नमकीन तेल युक्त भोजन ना करें।

व्रत के दिन क्या न करें

इस दिन उपासक को तेल से निर्मित नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। सूर्य अस्त होने के बाद भोजन नहीं करना चाहिए। यदि किसी कारणवश सूर्य अस्त हो जाए और व्रत करने वाला फलाहार न कर पाए तो अगले दिन सूर्योदय तक वह निराहार रहे तथा फिर स्नानादि से निवृत्त होकर, सूर्य भगवान को जल देकर उनका स्मरण करने के बाद ही फलाहार ग्रहण करे।

रविवार व्रत विधि

रविवार को सूर्योदय से पूर्व बिस्तर से उठकर शौच व स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें। तत्पश्चात घर के ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान सूर्य की स्वर्ण निर्मित मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद विधि-विधान से गंध-पुष्पादि से भगवान सूर्य का पूजन करें। पूजन के बाद व्रतकथा सुनें। व्रतकथा सुनने के बाद आरती करें। तत्पश्चात सूर्य भगवान का स्मरण करते हुए सूर्य को जल देकर सात्विक भोजन व फलाहार करें।

क्यों रखा जाता है रविवार का व्रत

शास्त्रों के अनुसार जिन व्यक्तियों की कुण्डली में सूर्य पीडित अवस्था में हो, उन व्यक्तियों के लिये रविवार का व्रत करना विशेष रूप से लाभकारी रहता है। इसके अतिरिक्त रविवार का व्रत आत्मविश्वास में वृ्द्धि करने के लिये भी किया जाता है। इस व्रत के स्वामी सूर्य देव हैं, नवग्रहों में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिये रविवार का व्रत किया जाता है। यह व्रत अच्छा स्वास्थय व तेजस्विता देता है। रविवार का व्रत समस्त कामनाओं की सिद्धि, नेत्र रोग, कुष्ठादि व चर्म रोगों में कमी, आयु व सौभाग्य वृ्द्धि के लिये किया जाता है।

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