इस द्वीप की राजकुमारी से होगा भगवान कल्कि का विवाह, शादी के उद्देश्य से जाएंगे इस द्वीप-पढ़ें कल्कि पुराण की ये कथा
By मेघना वर्मा | Updated: June 1, 2020 13:49 IST2020-06-01T13:46:40+5:302020-06-01T13:49:57+5:30
कल्कि पुराण में भगवान कल्कि की कथा मिलती है। इस पुराण में प्रथम मार्कण्डेय जी और शुक्रदेव जी के संवाद का वर्णन है।

इस द्वीप की राजकुमारी से होगा भगवान कल्कि का विवाह, शादी के उद्देश्य से जाएंगे इस द्वीप-पढ़ें कल्कि पुराण की ये कथा
भगवान विष्णु को सृष्टी का पालन हार बुलाया जाता है। भगवान विष्णु से जुड़े कई प्रसंग सुनने और पढ़ने को मिलते हैं। कथाओं से पता चलता है कि जब-जब धरती पर पाप बढ़ता है विष्णु भगवान अवतार लेकर पापियों का नाश करने आते हैं। चार युगों के अंत यानि कलियुग के अंत में भी भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का जन्म होगा। जिसमें वो दुष्टों का संहार करेंगे।
कल्कि अवतार को लेकर भी बहुत सारी किदवंतियां हैं। उन्हीं में से एक है कल्कि के अवतार और उनके जन्म के साथ उनके विवाह की कथा। बताया जाता है कि कलियुग में जब धर्म का अनुसर करना बंद कर देंगे तब कल्कि अवतार लेंगे। आइए आपको बताते हैं क्या है कथा-
क्या है कल्कि पुराण
दरअसल कल्कि पुराण में भगवान कल्कि की कथा मिलती है। इस पुराण में प्रथम मार्कण्डेय जी और शुक्रदेव जी के संवाद का वर्णन है। कलियुक का प्रारंभ हो चुका है, जिसके कारण पृथ्वी देवताओं के साथ विष्णु के सम्मुख जाकर उनसे अवतार की बात कहती हैं।
विवाह के लिए इस द्वीप जाएंगे कल्कि भगवान
भगवान विष्ण के अंश के रूप में उत्तर प्रदेश के सम्भल गांव में भगवान कल्कि का जन्म होगा। इस पुराण में इसके आगे कल्कि भगवान की दैवीय गति-विधियों का सुंदर वर्णन बताया गया है। इसके बाद बताया गया है कि कल्कि भगवान के विवाह के उद्देश्य से सिंहल द्वीप जाते हैं। जहां उनकी मुलाकात जलक्रीड़ा के दौरान राजकुमारी पद्दावती से होती है। यहीं उनका विवाह कल्कि भगवान के साथ होता है।
जाएंगे हरिद्वार
कल्कि पुराण की मानें तो कल्कि भगवान पद्मिनी को साथ लेकर सम्भल गांव में लौट आएंगे। विश्वकर्मा के द्वारा उनका अलौकिक तथा दिव्य नगरी के रूप में निर्माण हुआ। हरिद्वार में कल्कि जी मुनियों से मिलकर सूर्यवंश का और भगवान राम का चरित्र वर्णन करेंगे। बाद में शशिध्वज या कल्कि युद्ध और उन्हें अपने घर ले जाने का वर्णन भी इसमें है। जहां वह अपनी पुत्री रमा का विवाह कल्कि भगवान से करते हैं।