साईं बाबा अपने भक्तों को देते थे विभूति, जानें क्या है इसका आध्यात्मिक महत्व

By धीरज पाल | Updated: March 15, 2018 11:12 IST2018-03-15T11:12:16+5:302018-03-15T11:12:16+5:30

विभूति शिव की पवित्र चीजों में से एक मानी जाती है जो कैलाश पर्वत पर पाई जाती है।

Shirdi sai baba vibhuti miracles significance | साईं बाबा अपने भक्तों को देते थे विभूति, जानें क्या है इसका आध्यात्मिक महत्व

साईं बाबा अपने भक्तों को देते थे विभूति, जानें क्या है इसका आध्यात्मिक महत्व

सबका मालिक एक यानी साईंबाबा जिन्हें एक भारतीय गुरु, योगी और फकीर के रूप में जाना जाता था। इनकी कई कहानियां प्रचलित है जिसे टेलीविजन में इनकी कहानियां को नाट्य रूपातंरण में प्रसारित किया जा चुका है। कई फिल्में बन चुकी है। साईं बाबा का न कोई धर्म था। साईं को हर धर्म में मान्यता प्राप्त है। हर धर्म के लोग इनके प्रति आस्था रखते थे। ये कहना बिल्कुल गलत होगा कि साईं बाब का कोई धर्म था। तभी को उन्होंने कहा था कि सबका मालिक। फिल्मों और कहानियों के माध्यम से साईं बाबा के कई चमत्कार से रूबरू हो चुके है।

इन कहानियों में कैसे वो असहाय लोगों की मदद करते हैं और लोगों का उनके प्रति गलत रवैया कैसे उन्हीं पर गलत असर डालता था। साईं बाबा के ऐसे कई चमत्कार से लोग जरूर रूबरू होंगे। लेकिन क्या आपको मालूम है कि आज भी साईं बाबा का चमत्कार या आशीर्वाद कैसे लोगों पर बरकरार है। मान्यता है कि अगर आप साईं को दिल से याद करो या उनके प्रति सच्ची आस्था रखो तो आपको उसका पु्ण्य जरूर प्राप्त होगा। इसलिए आज भी लोगों में उनके प्रति आस्था रखते है। आस्था का सैलाब हम साईं मंदिरों में देख सकते हैं।

माना जाता है कि लोगों की आस्था के पीछे इनकी विभूति का बेहद प्रभाव है। जी हां, साईं की विभूति यानी भस्म (जिसे राख कह सकते हैं) की करामात हम इनसे जुड़ी कहानियों और फिल्मों में देखने को मिला है। आज भी साईं बाबा के धाम में विभूति  मिलती है। जिसे लोग साईं बाबा के प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं। बाबा ने अक्सर विभूति के महत्व की बात की है।

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भगवान शिव से जुड़ी है विभूति

जैसा कि साईं बाबा खुद विभूति की महत्वता की बात की है। हालांकि विभूति कुछ भी नहीं विशेष रूप से विभूति शिव से जुड़ा है। विभूति शिव के पवित्र चीजों में से एक माना जाता है जो कैलाश पर्वत पर पाया जाता है। इस भस्म भी कहा जाताहै। क्योंकि कोई चीज भस्म होकर राख में तब्दील हो जाता है। कहते हैं कि सभी पाप भस्म होकर राख बनती है। यह चमकीला होता है।

विभूति को तीन चीजों से जोड़कर देखा गया है। यह चमकीला है जो माथे पर लगाने के बाद आध्यात्मिका को बढ़ाता है। इसका स्वाद क्षार जैसा है। क्षार को आध्यात्मिक भाषा में विनाश से जोड़ा गया है जो आने वाले खतरे का विनाश कर देता है। तीसरा इसे रक्षा से जोड़ा गया है। यह बुरी आत्माओं की साजिश के खिलाफ एक कवच के रूप में जाना माना जाता है। इसका जिक्र उपनिषद, प्राचीन आत्माधिक ग्रंथों में किया जा चुका है। बाबा कहते हैं, विभूति भी शरीर के अवशेष का एक सतत अनुस्मारक है। एक संतोषजनक राख में कम हो जाती है!

ऐसे करें साईं बाबा की पूजा

-साईं बाबा की फोटो को सबसे पहले आप त्रिमिद (पानी , दूध और दही ) के मिश्रण से स्नान करना चाहिए। फिर साफ पानी से पुनः स्नान कराकर साफ रेशमी कपड़ें से धीरे-धीरे पोछना चाहिए । 

- पूजा विधि शुरू करने से पहले एक आसन पर पीले कपड़े के ऊपर साईं बाबा की प्रतिमा या तस्वीर रखना चाहिए।

- तस्वीर पर चन्दन और कुमकुम लगाकर पीले फूल या हार चढ़ाने चाहिए। 

- इसके बाद साईं बाबा को पीले रंग का ही भोग लगाएं।

- श्री साईं बाबा के श्रद्धा और सबुरी को समर्पित घी के दो दीपक जलाकर साईं बाबा के आगे रखें। 

- पूजा के बाद साईं मंदिर जाकर दर्शन करें।

- व्रत के बाद गरीबों को भोजन कराएं या जरूरत मंदों को पीले रंग की ही वस्तु दान में दें।

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साईं बाबा के विशेष मंत्र

- ॐ साईं राम

- ॐ साईं देवाय नम:

- ॐ साईं गुरुदेवाय नम:

- ॐ अजर अमराय नम:

- ॐ सर्वज्ञा सर्व देवता स्वरूप अवतारा

Web Title: Shirdi sai baba vibhuti miracles significance

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