Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा, इन नियमों को न करें नजरअंदाज
By अंजली चौहान | Updated: September 18, 2025 05:17 IST2025-09-18T05:17:54+5:302025-09-18T05:17:54+5:30
Shardiya Navratri 2025: 22 सितंबर से शुरू हो रहे माँ दुर्गा की आराधना के महापर्व नवरात्रि की धूम पूरे देश में छा जाएगी।

Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा, इन नियमों को न करें नजरअंदाज
Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि 2025 आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर 9 दिन तक चलती है। इस साल शारदीय नवरात्रि सोमवार, 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रही है और इसका समापन बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 को महानवमी के साथ होगा। इस बार तृतीया तिथि का नवरात्रि दो दिन रहेगा, इसलिए कुल व्रत 9 ही होंगे, लेकिन तिथियां 10 होंगी।
पूरे भारत के भक्त नौ दिन देवी के ध्यान, जप और भक्ति में बिताएँगे। सनातन परंपराओं के अनुसार, केवल पूजा करना ही पर्याप्त नहीं है। अपनी प्रार्थना को प्रभावी बनाने के लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा।
देवी पूजा के दौरान आपकी प्रार्थनाएं अधूरी न रहें, इसके लिए यहां महत्वपूर्ण नियम दिए गए हैं, जिनका ध्यान रखना चाहिए:
1- स्वच्छता
नवरात्रि शुरू होने से पहले और त्योहार के दौरान घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें। माना जाता है कि देवी साफ जगह पर ही वास करती हैं।
2- अखंड ज्योति जलाएँ
नवरात्रि पर यह सबसे ज़रूरी नियमों में से एक है जिसका आपको पालन करना चाहिए। अगर आपने अखंड ज्योति (पवित्र दीया) जलाया है, तो सुनिश्चित करें कि यह नवरात्रि के दौरान लगातार जलती रहे। ऐसा माना जाता है कि इस दीये का बुझना अपशकुन होता है।
3- प्रतिदिन एक निश्चित समय पर पूजा करें
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, दुर्गा पूजा के समय का पालन करना महत्वपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि आपको अपने मन और शरीर को शुद्ध रखने के लिए प्रतिदिन एक ही समय पर देवी की पूजा करनी चाहिए।
4- केवल सात्विक भोजन करें
जैसा कि अधिकांश हिंदू त्योहारों में होता है, नवरात्रि के दौरान मांसाहारी भोजन करने की अनुमति नहीं होती है। इन 9 दिनों तक आपको केवल सात्विक (शुद्ध, शाकाहारी) भोजन ही करना चाहिए। कुछ भक्त स्वयं को शुद्ध रखने के लिए ब्रह्मचर्य का भी पालन करते हैं।
5- सही देवी को और सही दिन भोग लगाएँ
नवरात्रि का हर दिन देवी दुर्गा के एक अलग अवतार को समर्पित होता है। इसलिए भक्तों को उस दिन जिस देवी की पूजा की जा रही है, उसके अनुसार भोग (पवित्र भोजन) और फूल चढ़ाने चाहिए।
6- कन्या पूजन
कन्या पूजन (जिसमें देवी दुर्गा के प्रतीक के रूप में छोटी कन्याओं की पूजा की जाती है) नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आप रोज़ाना एक कन्या की पूजा कर सकते हैं या अष्टमी या नवमी (अपनी पसंद के अनुसार) पर नौ कन्याओं की एक साथ पूजा कर सकते हैं। लेकिन मुख्य बात यह है कि हमेशा उनके साथ सम्मान से पेश आएँ और उन्हें बिना दक्षिणा के कभी न विदा करें।
7- नाखून न काटें
नवरात्रि के बारे में यह एक और प्रचलित मान्यता है। बड़े-बुज़ुर्ग कहते हैं कि त्योहार के दौरान भक्तों को अपने बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए। इसके अलावा, महिलाओं को कभी भी खुले बाल रखकर पूजा नहीं करनी चाहिए और पुरुषों और महिलाओं दोनों को पूजा करते समय अपने सिर ढकने चाहिए।
अगर आपने कलश स्थापित किया है तो घर को खाली न छोड़ें
अगर आपने अपने घर में कलश स्थापना की है, तो सुनिश्चित करें कि नवरात्रि के सभी नौ दिनों तक घर खाली न रहे।
पूजा के दौरान या सामान्य दिनों में भी काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
इस दौरान किसी का अपमान न करें, क्रोध और अपशब्दों का प्रयोग न करें, और मन में बुरे या नकारात्मक विचार न लाएं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत आर्टिकल में मौजूद जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसमें मौजूद दावों की पुष्टि नहीं करता है। सटीक जानकारी के लिए कृपया किसी विशेषज्ञ की सलाह लें।)