Shardiya Navratri 2025: हिंदू धर्म में, माँ दुर्गा को सर्वोच्च देवी और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। वह ब्रह्मांड की रक्षक हैं, जो बुराई का नाश करने और धर्म की रक्षा करने के लिए जानी जाती हैं। उन्हें विभिन्न रूपों में पूजा जाता है, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशिष्ट महत्व है। नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रही है।
शारदीय नवरात्रि के दौरान दिल्ली में मंदिरों में दर्शन करना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। शहर के कई मंदिर इस दौरान विशेष रूप से सजाए जाते हैं और यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
1. झंडेवालान देवी मंदिर
यह दिल्ली का सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ देवी की प्राचीन प्रतिमा जमीन के नीचे से मिली थी। 'झंडेवालान' नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यहाँ नवरात्रि के दौरान एक बड़ा झंडा फहराया जाता था।
विशेषताएँ: नवरात्रि के नौ दिनों तक यहाँ विशेष पूजा, हवन और आरती का आयोजन होता है। मंदिर को फूलों और रोशनी से भव्य रूप से सजाया जाता है। भक्त यहाँ अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
स्थान: रानी झांसी रोड, करोल बाग।
2. कालकाजी मंदिर
यह दिल्ली का एक और प्राचीन और महत्वपूर्ण मंदिर है, जो देवी काली को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर 18वीं शताब्दी में बना था और इसका अत्यधिक धार्मिक महत्व है।
विशेषताएँ: नवरात्रि के दौरान, यहाँ विशेष रूप से देवी दुर्गा और काली की पूजा की जाती है। मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी लाइट्स और फूलों से सजाया जाता है। यहाँ भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
स्थान: नेहरू प्लेस मेट्रो स्टेशन के पास।
3. योगमाया मंदिर
यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है और यह दिल्ली के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी योगमाया को समर्पित है, जिन्हें भगवान कृष्ण की बहन माना जाता है।
विशेषताएँ: नवरात्रि के दौरान यहाँ देवी की विशेष पूजा और यज्ञ का आयोजन किया जाता है। भक्तों का मानना है कि यहाँ मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है।
स्थान: मेहरौली, कुतुब मीनार के पास।
4. छतरपुर मंदिर
यह दिल्ली और एनसीआर के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है, जो देवी कात्यायनी को समर्पित है। इस मंदिर का परिसर बहुत विशाल है और इसमें कई छोटे-बड़े मंदिर शामिल हैं।
विशेषताएँ: नवरात्रि में यहाँ विशेष आरती और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। मंदिर की भव्यता और शांतिपूर्ण वातावरण भक्तों को बहुत आकर्षित करता है।
स्थान: छतरपुर, महरौली-गुरुग्राम रोड पर।
5. गौरी शंकर मंदिर
चांदनी चौक में स्थित यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। यह मंदिर अपनी प्राचीनता और भव्य शिवलिंग के लिए जाना जाता है।
विशेषताएँ: हालाँकि यह मुख्य रूप से शिव मंदिर है, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहाँ भी देवी की विशेष पूजा और अर्चना की जाती है।
स्थान: चांदनी चौक, लाल किले के पास।
6. आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर
यह मंदिर माता कात्यायनी को समर्पित है। इस मंदिर को भी नवरात्रि के दौरान भव्य रूप से सजाया जाता है और यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
विशेषताएँ: नवरात्रि के नौ दिनों में, यहाँ विशेष धार्मिक अनुष्ठान और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।
स्थान: छतरपुर, महरौली-गुरुग्राम रोड पर।
इन मंदिरों में दर्शन के लिए जाते समय, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ होती है। इसलिए, समय से पहले पहुँचना और यात्रा के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।