Shardiya Navratri 2025 Kolkata: शारदीय नवरात्रि 2025 सोमवार, 22 सितंबर, 2025 से शुरू होकर गुरुवार, 2 अक्टूबर, 2025 को विजयदशमी (दशहरा) के साथ समाप्त होगी। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 22 सितंबर को सुबह 6:09 बजे से सुबह 8:06 बजे तक रहेगा। इस साल चतुर्थी तिथि में वृद्धि के कारण, नवरात्रि 9 दिनों के बजाय 10 दिनों की होगी।
भारत के विभिन्न राज्यों में नवरात्रि अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है जिसमें सबसे लोकप्रिय है पश्चिम बंगाल में होने वाली दुर्गा पूजा। बंगाल के लोग नवरात्रि को दुर्गा पूजा के रूप में धूमधाम से मनाते हैं। शारदीय नवरात्रि के दौरान कोलकाता में दुर्गा पूजा का अनुभव अद्वितीय होता है। यह सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि कला, संस्कृति और सामुदायिक भावना का एक भव्य प्रदर्शन है। शहर भर में हजारों पंडाल स्थापित किए जाते हैं, जिनमें से कुछ अपनी भव्यता, रचनात्मकता और अद्वितीय थीम के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
शारदीय नवरात्रि के दौरान जरूर जाए इन दुर्गा पंडालों में
1- श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब (लेक टाउन, कोलकाता)
यह पंडाल अपनी भव्यता और किसी प्रसिद्ध स्मारक या संरचना की विशाल प्रतिकृति बनाने के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर और वैटिकन सिटी के सेंट पीटर्स बेसिलिका की प्रतिकृति बनाई है, जिससे यह पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया है।
2- देसीप्रिया पार्क (साउथ कोलकाता)
यह पंडाल अपनी विशाल दुर्गा प्रतिमाओं के लिए प्रसिद्ध है। पिछले कुछ वर्षों में, इसने शहर की सबसे बड़ी दुर्गा प्रतिमाओं में से एक को स्थापित करके खूब सुर्खियां बटोरी हैं। यहां की प्रतिमाएं और पंडाल का डिजाइन काफी प्रभावशाली और भव्य होता है।
3- संतोष मित्र स्क्वायर (बोबाजार, सेंट्रल कोलकाता)
यह सेंट्रल कोलकाता का एक प्रमुख पंडाल है, जो अपनी इनोवेटिव थीम और शानदार सजावट के लिए जाना जाता है। यहां हर साल एक नया और अनोखा थीम होता है, जैसे सोने के आभूषणों से सजी दुर्गा प्रतिमा, या फिर किसी ऐतिहासिक इमारत की प्रतिकृति। यह पंडाल अपनी भव्यता के कारण भारी भीड़ को आकर्षित करता है।
4- कॉलेज स्क्वायार (सेंट्रल कोलकाता)
एक झील के किनारे स्थित यह पंडाल अपनी शानदार रोशनी के लिए प्रसिद्ध है। पंडाल की रंगीन रोशनी और उसका प्रतिबिंब झील के पानी में पड़ना एक मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। शाम के समय यह जगह बेहद खूबसूरत लगती है और यहां भारी भीड़ रहती है। यह पारंपरिक और आधुनिक कला का एक सुंदर मिश्रण प्रस्तुत करता है।
5- एकदालिया एवरग्रीन (साउथ कोलकाता)
1943 में स्थापित, यह पंडाल अपनी शानदार और विशाल मंदिर जैसी संरचनाओं के लिए जाना जाता है। यह पंडाल पारंपरिकता और कलात्मक उत्कृष्टता का प्रतीक है। यह हर साल भारत के विभिन्न मंदिरों की प्रतिकृति बनाता है।
6- बागबाजार सर्वजनिन (नॉर्थ कोलकाता)
कोलकाता के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित दुर्गा पूजा पंडालों में से एक है। यह अपनी सादगी और पारंपरिकता के लिए जाना जाता है। यहां की पूजा में धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक विरासत पर विशेष जोर दिया जाता है।
7- कुम्हारटुली पार्क (नॉर्थ कोलकाता)
कुम्हारटुली कोलकाता का एक प्रसिद्ध क्षेत्र है, जहां दुर्गा प्रतिमाएं बनाई जाती हैं। कुम्हारटुली पार्क का पंडाल पारंपरिक मूर्तिकला और आधुनिक डिजाइन का एक सुंदर संगम प्रस्तुत करता है। यहां की दुर्गा प्रतिमाएं और सजावट में पारंपरिक कला की झलक मिलती है।
8- चेतला अग्रानी क्लब (साउथ कोलकाता)
यह पंडाल अपनी रचनात्मकता और अलग-अलग विषयों पर आधारित थीम के लिए जाना जाता है। हर साल, यह पंडाल कोई नया और आकर्षक थीम लेकर आता है जो लोगों को आकर्षित करता है। यह पंडाल अपनी कलात्मकता के लिए कई पुरस्कार भी जीत चुका है।