Shardiya Navratri 2019: कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है, किस वाहन से आएंगी माता दुर्गा, जानिए सबकुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 23, 2019 09:21 IST2019-09-23T09:21:50+5:302019-09-23T09:21:50+5:30
Shardiya Navratri 2019: नवरात्रि पर सबसे पहले कलश स्थापना का विशेष महत्व है। इसे पहले दिन किया जाता है। जानकारों के अनुसार कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में किया जाना चाहिए।

नवरात्रि की शुरुआत इस बार 29 सितंबर से
Shardiya Navratri 2019: पितृपक्ष के खत्म होने के साथ ही अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि (29 सितंबर) से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी। इसे दुर्गा पूजा भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि या दुर्गा पूजा का बहुत महत्व है। यह त्योहार 9 से 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान शक्ति की देवी मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। साल में 4 नवरात्रि पड़ते हैं लेकिन इनमें सबसे अधिक मान्यता चैत्र और शारदीय नवरात्रि की ही है।
इस बार के शारदीय नवरात्रि की बात करें तो यह 9 दिन चलेगा। नवारात्रि के इन 9 दिनों की मां दुर्गा की उपासना के दौरान 2 सोमवार भी पड़ेंगे, जिसे शुभ कहा जा रहा है। मान्यता है कि सोमवार के दिन माता दुर्गा की पूजा से विशेष फल मिलता है। नवरात्रि को लेकर मान्यता है कि माता कैलाश पर्वत से धरती पर अपने मायके आती है। इसलिए यह भी देखना महत्वपूर्ण होता है कि वह किसी वाहन से आ रही है, जिसका निर्धारण नवरात्रि शुरू होने के दिन से होता है। उनके वाहन से यह संकेत भी मिलते हैं कि आने वाले दिन धरती पर कैसे होंगे। ऐसे में आईए जानते हैं, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और माता दुर्गा के वाहन के बारे में..
Shardiya Navratri 2019: कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि पर सबसे पहले कलश स्थापना का विशेष महत्व है। इसे पहले दिन किया जाता है। इसे घट स्थापना भी कहते हैं। इस बार नवरात्रि यानी पर पर कलश स्थापना की बात करें तो इसका शुभ मुहूर्त 29 सितंबर को सुबह 6.16 बजे से 7.40 बजे (सुबह) के बीच है। अगर आप सुबह कलश स्थापना नहीं कर सके तो दोपहर में 11.48 बजे से 12.35 के बीच अभिजीत मुहूर्त भी है। इस समय के बीच भी आप कलश स्थापना कर सकते हैं। अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 28 सितंबर को रात 11.56 से ही शुरू हो रही है और यह अगले दिन यानी 29 सितंबर को रात 8.14 बजे खत्म होगी।
Shardiya Navratri 2019: किस वाहन से आएंगी माता दुर्गा इस बार
इस बार नवरात्रि पर माता दुर्गा के आने का वाहन गज यानी हाथी है। बीते साल भी माता का आगमन हाथी से हुआ था। पंडितों के अनुसार इसके मायने ये हुए कि वर्षा के लिहाज से साल अच्छा रहने वाला है। कृषि क्षेत्र में उन्नति होगी लेकिन साथ ही कई इलाकों में जान-माल का भी नुकसान हो सकता है। युद्ध के हालात बन सकते हैं।
दरअसल, माता किस वाहन से आती है इसका निर्धारण इस बात से होता है कि नवरात्रि की शुरुआत कब से हो रही है। नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार होने से माता का वाहन गज होता है। ऐसे ही सोमवार और मंगलवार को माता का आगमन घोड़े पर होता है। बुधवार का दिन होने पर नाव और गुरुवार तथा शुक्रवार का दिन होने पर माता का आगमन डोली पर होता है। इस बार नवरात्रि की शुरुआत रविवार से है इसलिए माता का वाहन गज होगा।
ऐसे ही माता की विदाई के दिन से उनके जाने के वाहन का भी निर्धारण होता है। इस बार विजयदशमी मंगलवार को है। विदाई का दिन मंगल और शनिवार होने पर मात बिना किसी वाहन के यानी नंगे पांव जाती है। माता के पास कोई वाहन नहीं होना बहुत शुभ नहीं माना गया है। यह निराशा का सूचक है। ऐसे में लोगों में हताशा और चिंता बढ़ सकती है। आर्थिक चुनौतियां बढ़ेंगी।