Shani Sade Sati 2025: नए साल में इन 5 राशिवालों के लिए शनि रहेंगे कष्टकारी, चोरों तरफ से आएगी परेशानी
By रुस्तम राणा | Updated: December 31, 2024 14:09 IST2024-12-31T14:03:34+5:302024-12-31T14:09:48+5:30
शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं, जिसमें पहले दो चरण ज्यादा कष्टकारी होता है जबकि तीसरा चरण कम कष्टकारी होता है।

शनि साढ़ेसाती 2025
Shani Sade Sati 2025: ज्योतिष गणना 2025 के अनुसार, नए वर्ष में शनि महाराज कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे। शनि देव का यह राशि परिवर्तन 29 मार्च 2025 को होगा। शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए ढाई वर्ष का समय लेते हैं। इसके बाद शनि 13 जुलाई 2025 को वक्री होंग और फिर 28 नवंबर 2025 को मार्गी होंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जिस भी राशि में विराजते हैं उस राशि से वे तृतीय, सप्तम और दशम दृष्टि भी रखते हैं। इसके अलावा इसकी चाल का असर शनि साढ़ेसाती और शनि ढैय्या से प्रभावित राशियों पर भी पड़ता है।
जातक को पनपने नहीं देती है शनि की साढ़ेसाती
शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं, जिसमें पहले दो चरण ज्यादा कष्टकारी होता है जबकि तीसरा चरण कम कष्टकारी होता है। पहले चरण में व्यक्ति के कार्यो में असफलताएं और परेशानियां मिलती है। जबकि दूसरे चरण में आर्थिक, मानसिक, और शारीरिक कष्टों को सामना करना पड़ता है। वहीं तीसरे चरण की साढ़ेसाती पर कुछ शुभ प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं।
2025 में किन राशियों पर रहेगी साढ़ेसाती
Shani Sade Sati 2025: साल 2025 में 29 मार्च से मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इस राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। वहीं मीन राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा और कुंभ राशि पर आखिरी चरण होगा। जबकि मकर राशि के जातक शनि की साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे।
नए साल 2025 में किन राशियों पर रहेगी शनि ढैय्या का असर
Shani Dhaiya 2025: साल 2025 में सिंह और धनु राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी जबकि कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर चल रही ढैय्या समाप्त हो जाएगी। बता दें कि शनि की ढैय्या के दौरान जातकों को शनि का प्रकोप झेलना पड़ता है। इस अवधि में मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ता है।
शनि के प्रकोप से बचने के उपाय
शनि साढ़ेसाती का प्रभाव साढ़े सात साल तक रहता है और शनि ढैय्या का असर ढाई बर्ष तक रहता है। इससे बचने के लिए जातकों को शनि महाराज की पूजा करनी चाहिए। शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए प्रत्येक शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन शनि मंदिर में तेल चढ़ाना चाहिए। यदि अधिक समस्या का सामना करें तो किसी जानकार ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें।