Sawan Shivratri 2022: सावन शिवरात्रि पर ये रहेगा जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा विधि और मंत्र

By रुस्तम राणा | Published: July 24, 2022 05:34 PM2022-07-24T17:34:49+5:302022-07-24T17:34:49+5:30

इस बार सावन शिवरात्रि 26 जुलाई, मंगलवार को मनाई जाएगी। सावन की शिवरात्रि का खास महत्व होता है। इस दिन भगवान भोलेशंकर की भक्तिभाव से आराधना करने पर ऐश्वर्य का भोग करने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

sawan shivratri 2022 Date jalabhishek shubh muhurat puja vidhi and mantras | Sawan Shivratri 2022: सावन शिवरात्रि पर ये रहेगा जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा विधि और मंत्र

Sawan Shivratri 2022: सावन शिवरात्रि पर ये रहेगा जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा विधि और मंत्र

Sawan Shivratri 2022 Shubh Muhurt: श्रावण माह भगवान शिव जी को प्रिय है। इस महीने आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाती है। शास्त्रों में चतुर्दशी तिथि महादेव की तिथि है। इसलिए इस दिन भोलेनाथ की आराधना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। 

इस बार सावन शिवरात्रि 26 जुलाई, मंगलवार को मनाई जाएगी। सावन की शिवरात्रि का खास महत्व होता है। इस दिन भगवान भोलेशंकर की भक्तिभाव से आराधना करने पर ऐश्वर्य का भोग करने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। सावन शिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग का जलाभिषेक करने से पूरे साल की पूजा का फल प्राप्त होता है।

सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त

चतुर्दशी तिथि आरंभ : 26 जुलाई मंगलवार शाम 06 बजकर 46 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त : 27 जुलाई बुधवार रात 09 बजकर 11 मिनट पर
निशिता काल पूजा समय : 27 जुलाई 2022 को रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजक 49 मिनट तक
सावन शिवरात्रि पूजा की अवधि: 42 मिनट
जलाभिषेक करने के लिए शुभ मुहूर्त: 26 जुलाई की शाम 07 बजकर 24 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।

सावन शिवरात्रि पूजा विधि

सावन शिवरात्रि के दिन शिवभक्त को सूर्योदय के पूर्व उठना चाहिए। स्नान आदि से निवृत्त होकर एक तांबे के लोटे में गंगाजल लेकर शिव मंदिर जाएं। एक अन्य लोटे में दूध भी ले सकते हैं। गंगाजल न हो तो शुद्ध और ताजा जल लेकर उसमें किसी पवित्र नदी का थोड़ा सा जल मिला सकते हैं। शिवलिंग पर ताजा, शुद्ध जल भी समर्पित कर सकते हैं। अब शिवमंत्रों का जाप करते हुए शिवलिंग पर पतली धारा से जल चढ़ाएं। महादेव को अक्षत, सुगंधित फूल, श्वेत पुष्प, आंकड़ा, धतूरा, आदि समर्पित करें। बिल्वपत्र अपनी श्रद्धानुसार शिवलिंग पर समर्पित करें। महादेव को भांग, ऋतुफल, मिठाई, पंचामृत, पंचमेवा आदि का भोग लगाएं। शिव पंचाक्षरी मंत्र, रुद्राष्टक, शिव महिम्नस्त्रोत, तांडवस्त्रोत, शिव चालीसा इनमें किसी एक का या संभव हो तो सभी का पाठ करें। आखिर में महादेव की आरती गाएं। फिर प्रसाद बांटें। 

इन मंत्रों का करें जाप 

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनानत् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
ॐ नमः आराधे चात्रिराय च नमः शीघ्रयाय च शीभ्याय च | नमः ऊर्म्याय चावस्वन्याय च नमो नादेयाय च द्वीप्याय च || 
जय शम्भो विभो अघोरेश्वर स्वयंभे जय शंकर। जयेश्वर जयेशान जय जय सर्वज्ञ कामदं।।

Web Title: sawan shivratri 2022 Date jalabhishek shubh muhurat puja vidhi and mantras

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