श्रावण 2018: शिव पूजा में भूलकर भी ना चढ़ाएं ये 7 चीजें, भगवान हो जाते हैं क्रोधित

By गुलनीत कौर | Published: July 26, 2018 12:55 PM2018-07-26T12:55:44+5:302018-07-26T12:55:44+5:30

वर्षों बाद इस बार श्रावण का यह महीना कुल 30 दिनों के साथ आया है। शनिवार से प्रारंभ होने वाला इस महीने में इस बार 4 सोमवार हैं।

Sawan 2018: Things you should never offer in shiv puja | श्रावण 2018: शिव पूजा में भूलकर भी ना चढ़ाएं ये 7 चीजें, भगवान हो जाते हैं क्रोधित

shivling puja

28 जुलाई से भगवान शिव का प्रिय महीना 'श्रावण' शुरू हो रहा है। वर्षों बाद इस बार श्रावण का यह महीना कुल 30 दिनों के साथ आया है। शनिवार से प्रारंभ होने वाला इस महीने में इस बार 4 सोमवार हैं। सोमवार शिवजी का प्रिय दिन भी माना जाता है इसलिए श्रावण के प्रत्येक सोमवार लोग व्रत करते हैं। इस पूरे माह में लोग अलग-अलग तरीकों से भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। इन उपायों में एक एक है शिव पूजा। 

कई लोग श्रावण के पूरे महीने रोज सुबह उठकर शिव पूजा करते हैं। कुछ लोग हर सोमवार करते हैं। लेकिन आप जब भी जिस भी दिन पूजा करें, शिव पूजा में आगे बताई जा रही गलतियों को करने से बचें। क्योंकि ऐसा करने से भोले बाबा आपसे नाराज हो सकते हैं और आपको अपनी पूजा का विपरीत परिणाम मिल सकता है।

1. शंख से जल ना चढ़ाएं

कभी भी शंख का इस्तेमाल करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित ना करें। पौराणिक कथाओं के अनुसार भवान शिव ने शंखचूड़ नाम के अनुसार का वध किया था। उसी का प्रतीक है शंख। लेकिन शंखचूड़ भगवान विष्णु का परम भक्त था इसलिए विष्णु पूजा में यह एक महत्वपूर्ण पूजन सामग्री है। किन्तु शिव पूजा में इसका इस्तेमाल वर्जित है।

2. तुलसी पत्ता

शास्त्रों के अनुसार शिव पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल वर्जित है। इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा है। कथा को आधार मानते हुए तुलसी के पत्तों को शिव जी से दूर रखा जाता है। इसलिए शिव पूजा में इसका इस्तेमाल करने से बचें।

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3. तिल

हिन्दू मान्यता के अनुसार तिल कुछ और नहीं बल्कि भगवान विष्णु की मत से उत्पन्न हुए कण हैं। इसलिए इसे कभी भी भगवान शिव की पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

4. टूटे हुए चावल

शिव पूजा में अक्षत यानी चावल का इस्तेमाल जरूर होता है, लेकिन साबुत चावल का इस्तेमाल करें। गलती से भी टूटे हुए चावलों को शिवलिंग पर अर्पित ना करें।

5. कुमकुम

सिन्दूर या कुमकुम को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसका सबसे अधिक इस्तेमाल देवी पूजन में ही किया जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार भगवान शिव वैरागी हैं, इसलिए उनकी पूजा में कुमकुम नहीं चढ़ता। लेकिन अगर आप शिव-पार्वती दोनों की पूजा कर रहे हों तो केवल पार्वती जी की मूर्ति के सामने कुमकुम अर्पित करें।

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6. हल्दी

यह एक ऐसी सामग्री है जिसे अमूमन हर हिन्दू पूजा में शामिल किया जाता है। लेकिन शिव पूजा के दौरान इसे दूर रखा जारा है। क्योंकि हल्दी को भी सौभाग्य का प्रतीक ही माना जाता है। इसलिए इसे शिवलिंग पर अर्पित करना मना है।

7. नारियल पानी

शुद्ध जल, दूध, गन्ने के रस, आदि चीजों से शिव अभिषेक जरूर होता है, लेकिन कभी भी नारियल के पानी से शिवलिंग अभिषेक नहीं किया जाता है। नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। और मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। इसलिए शिव पूजा में नारियल या नारियल के पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता। 

Web Title: Sawan 2018: Things you should never offer in shiv puja

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