Saptakoshi Parikrama: ब्रज के लोकगीत और भजनों पर नाचते गाते ब्रजवासियों के संग अष्ट सखियों के गांवों की परिक्रमा, जानिए महत्व
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 15, 2024 17:52 IST2024-11-15T17:52:08+5:302024-11-15T17:52:46+5:30
Saptakoshi Parikrama: प्रिया कुंड से ब्रजाचार्य पीठाधीश गोस्वामी उपेंद्र नारायण भट्ट, पीठ के प्रवक्ता गोस्वामी घनश्याम राज भट्ट और ललितापीठाधीश्वर गोस्वामी कृष्णानंद भट्ट जी महाराज के सानिध्य में और यात्रा के व्यवस्थापक समाजसेवी नगर पंचायत प्रतिनिधि पदम फौजी के संयोजन में हुआ।

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बरसानाः कृष्ण काल के बाद विलुप्त ब्रज का कृष्ण के प्रपौत्र बज्रनाभ के बाद पुनः प्राकट्य कर ब्रजोद्धार करने वाले नारद अवतार ब्रजाचार्य महाप्रभु श्रील नारायण भट्टजी के लाडले ठाकुर ने खांटे ब्रजवासियों के साथ ब्रज के लोकगीत और भजनों पर नाचते गाते अष्ट सखियों के गांवों की दो दिवसीय सप्तकोसीय परिक्रमा दी। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हर साल लगने वाली इस प्राचीन परंपरागत परिक्रमा का गुरुवार की भोर में यात्रा का शुभारंभ प्रिया कुंड से ब्रजाचार्य पीठाधीश गोस्वामी उपेंद्र नारायण भट्ट, पीठ के प्रवक्ता गोस्वामी घनश्याम राज भट्ट और ललितापीठाधीश्वर गोस्वामी कृष्णानंद भट्ट जी महाराज के सानिध्य में और यात्रा के व्यवस्थापक समाजसेवी नगर पंचायत प्रतिनिधि पदम फौजी के संयोजन में हुआ।
लाडले ठाकुर और नारायण भट्ट के जयकारों के साथ दो दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा परिक्रमा प्रिया कुंड से शुरू होकर गुलाब सखी का चबूतरा, गोपाल जी मंदिर गाजीपुर, प्रेम सरोवर, सुदामा कुटी, संकेतवन में कात्यायनी, राधारमण जी, आजनौख में इन्दुलेखा सखि, करहला मे चम्पकलता, घमंडदेवाचार्य की समाधि, कमई में विशाखा सखि के मंदिरों के दर्शन ब्रजेश्वर महादेव, रावल वन, पाडर वन होती हुई बरसाना राधारानी मंदिर गेट पहुंची और प्रथम दिन का बरसाना में विश्राम लिया।
दूसरे दिन शुक्रवार को लाड़ली जी मंदिर के दर्शन के साथ परिक्रमा, चित्रा सखि, डभाला, राकौंली, राधा रानी संखियों संग खेलन लीला स्थली नौवारी चौवारी, (गिर्राज जी के अनुज) गिर्राज गेंदुआ, मुरली के दर्शन करते हुए, रतन कुंड, छोटी कदम खंडी, सुनहरा से दर्शन करते हुए, फिसलनी शिला, पुष्कर कूप, छप्पन कटोरा, ऊंचागांव श्रील् नारायण भट्ट जी की समाधि, त्रिवेणी कूप एवं देह कुंड का आचमन करते हुए श्री प्रिया जी की प्रधान सखी ललिता जी के दर्शन करते हुए दाऊजी मंदिर, माता मैया दर्शन, सुलौखर, प्रिया कुंड पर पूर्ण हुई। यात्रा में प्रमुख रूप से गोविंद मुनीम, रोहित भट्ट, गोस्वामी ठाकुर प्रसाद, अरुण भट्ट, सर्वेश भट्ट, गोस्वामी दिनेश नारायण भट्ट, मितुल भट्ट सहित हजारों की संख्या में ब्रजवासी शामिल थे।

