देशभर में आज रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। चैत्र मास शुक्लपक्ष नवमी को रामनवमी का त्योहार मानाया जाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार राम नवमी के ही दिन त्रेता युग में महाराज दशरथ के घर विष्णु जी के अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। चैत्र नवरात्र के आखिरी दिन मनाई जाने वाली रामनवमी का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। रामनवमी के दिन असंख्य लोग रामनाम का स्मरण करते हुए व्रत रखते हैं।
कहा जाता हैं की रामनवमी के दिन रामायण ग्रंथ का पाठ करने से अनेक इच्छाएं पूरी हो जाती हैं, जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं, भय, रोग भी दूर हो जाते हैं। धन की कामना रखने वाले को धन की प्राप्ति होती है।
इन चौपाईयों को सिद्ध करने के लिए रामनवमी पर एक छोटा सा हवन करें। हवन रात 10 बजे के बाद ही शुरु करें। हवन सामग्री में चंदन का बुरादा, तिल, शुद्ध घी, चीनी, अगर, तगर, कपूर, शुद्ध केसर, नागरमोथा, पंचमेवा और जौ शामिल होने चाहिए. चौपाई को पढ़ते समय एक आहुति डालें और हवन करें। प्रत्येक आहुति डालते समय चौपाई के अंत में स्वाहा अवश्य बोलें।
1) शत्रु को मित्र बनाने के लिएगरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥ बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥
2) भय खत्म करने के लिएरामकथा सुंदर कर तारीसंशय बिहग उड़व निहारी
3) श्रीराम की शरण पाने हेतु सुनि प्रभु वचन हरष हनुमानासरनागत बच्छल भगवाना
4) विपत्ति नाश के लिएराजीव नयन धरें धनु सायकभगत बिपति भंजन सुखदायक
5) रोगों से मुक्ति के लिएदैहिक दैविक भौतिक तापाराम राज नहिं काहुहिं ब्यापा
6) नौकरी के लिएबिस्व भरन पोषण कर जोईताकर नाम भरत होई
7) विद्या के लिएगुरु गृह गए पढ़न रघुराई अल्पकाल विद्या सब आई
8) संपत्ति के लिएजे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं