Ramadan 2022: इन देशों में सबसे कम है रोजे की अवधि, जानिए क्या है भारत की टाइमिंग
By मनाली रस्तोगी | Updated: March 31, 2022 12:08 IST2022-03-31T12:02:54+5:302022-03-31T12:08:10+5:30
रमजान इस साल 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। मगर इसकी सही तारीख चांद दिखने पर निर्भर करती है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के अनुसार रमजान नौवां महीना है जिसमें रोजा रखा जाता है। इस्लामी परंपराओं के अनुसार, रोजे की अवधि के दौरान खाने और पीने पर सख्त प्रतिबंध है। हालांकि, भौगोलिक विविधता के कारण रोजे की अवधि दुनिया भर में अलग-अलग होती है।

Ramadan 2022: इन देशों में सबसे कम है रोजे की अवधि, जानिए क्या है भारत की टाइमिंग
Ramadan 2022: रमजान सभी मुसलमानों के लिए एक पवित्र महीना है। इस साल रमजान 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है, हालांकि इसकी सही तारीख चांद दिखने पर निर्भर करती है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के अनुसार रमजान नौवां महीना है जिसमें रोजा रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि रमजान के पवित्र महीने में पैगंबर मुहम्मद ने इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान का अनावरण किया था। सुबह के पहले भोजन को सहरी कहा जाता है और शाम के भोजन को रोजा तोड़ने के लिए इफ्तार के रूप में जाना जाता है।
इस्लामी परंपराओं के अनुसार, रोजे की अवधि के दौरान खाने और पीने पर सख्त प्रतिबंध है। हालांकि, भौगोलिक विविधता के कारण रोजे की अवधि दुनिया भर में अलग-अलग होती है। यह अवधि 11 घंटे से 20 घंटे तक हो सकती है। आइसलैंड में रहने वाले मुसलमान 16-17 घंटे रोजा कर सकते हैं। इस तरह भारत पाकिस्तान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और मध्य पूर्व के अधिकांश देशों में रहने वाले मुसलमान हर दिन 14 से 15 घंटे रोजा रखते हैं। जबकि न्यूजीलैंड, अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका में रोजे की सबसे कम अवधि (11-12 घंटे) हो सकती है।
आइसलैंड समेत ग्रीनलैंड, फ्रांस, पोलैंड और इंग्लैंड में रहने वाले मुसलमान करीब 16 से 17 घंटे रोजा रखेंगे। जबकि भारत, पुर्तगाल, ग्रीस, चीन, अमेरिका, तुर्की, कनाडा, उत्तर कोरिया, जापान, पाकिस्तान, ईरान, इराक, सीरिया, फिलिस्तीन, यूएई, कतर और सऊदी अरब में रहने वाले लोग करीब 14 से 15 घंटे तक रोजा रखेंगे। सिंगापुर, मलेशिया, सूडान, थाईलैंड और यमन में रोजे की अवधि 13 से 14 घंटे तक होगी। वहीं, ब्राजील, जिम्बाब्वे, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड, पराग्वे और उरुग्वे में 11 से 12 घंटे का सबसे छोटा रोजा होगा।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। सहरी और इफ्तार के समय में बदवाल संभव है। इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें)