पीएम मोदी ने रखी काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की नींव, 600 करोड़ रूपये से चमकेगा मंदिर, जानें मंदिर की 5 खास बातें
By गुलनीत कौर | Updated: March 8, 2019 12:11 IST2019-03-08T10:21:04+5:302019-03-08T12:11:56+5:30
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित प्राचीन मंदिर है जो काशी के गंगा तट पर ही स्थित है मान्यतानुसार इस मंदिर में बाबा विश्वनाथ (भगवान शिव) के साथ मां भगवती स्वयं विराजमान हैं।

पीएम मोदी ने रखी काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की नींव, 600 करोड़ रूपये से चमकेगा मंदिर, जानें मंदिर की 5 खास बातें
भगवान शिव का निवास स्थल कहलाने वाले वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में आज पीएम नरेन्द्र मोदी ने पूजा की। पूजा समाप्त होने के ठीक बाद पीएम ने मंदिर के कॉरिडोर का शिलान्यास किया। तय प्रोटोकॉल के अनुसार पीएम 8 मार्च की सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। फावड़े से गड्ढा खोदकर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास किया और वैदिक मंत्रोच्चार करते हुए भूमि पूजन किया। इस कॉरिडोर पर 600 करोड़ रूपये की लागत लगने की बात कही जा रही है।
Varanasi: Prime Minister Narendra Modi lays the foundation stone of Kashi Vishwanath Temple Corridor. pic.twitter.com/m4QrbFUECS
— ANI UP (@ANINewsUP) March 8, 2019
39 हजार वर्ग मीटर होगा मंदिर का विस्तार
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पूरे होते ही यह मंदिर 39 हजार वर्ग मीटर तक फ़ैल जाएगा। पीएम मोदी ने इस मंदिर को भगवान शिव का धाम बनाते हुए बड़ा करने का फैसला लिया है। इतिहास की मानें तो ठीक 250 सालों बाद काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मंदिर का विस्तार पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसे वे लंबे अरसे से पूरा करने की कोशिश में लगे थे।
ऐसे दिया जाएगा मंदिर को भव्य स्वरूप
शिलान्यास के बाद मंदिर के विस्तार का काम तेजी से शरू कर दिया जाएगा। मंदिर के शिलान्यास का मॉडल बनकर तैयार है। चार चरणों में मंदिर के इस्त्र का काम पूरा होगा। प्रोजेक्ट के अनुसार सबसे पहले गंगा नदी से लेकर मंदिर तक के रास्ते को भव्य स्वरूप दिया जाएगा। इसके बाद मंदिर परिसर और आसपास की सभी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए चार चरणों में प्रोजेक्ट का काम किया जाएगा।
जुड़ेगी 41 मंदिरों की मणिमाला
शिव भक्तों को यही जानकार और भी खुशी होगी कि इस प्रोजेक्ट के पूरे होते ही गंगा तट से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर गटक शिव के 41 मंदिरों की मणिमाला आपस में जुड़ जाएगी। यानी भक्त एक के बाद एक 41 मंदिरों के दर्शन कर अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। पुराणों में भी 41 मंदिरों के जुड़ने को बेहद शुभ माना गया है। इन सभी मंदिरों में एक मंदिर भगवान गणेश का भी है जिन्हें हिन्दू धर्म में प्रथम पूजनीय माना जाता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर की 5 विशेषताएं:
1) काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित प्राचीन मंदिर है जो काशी के गंगा तट पर ही स्थित है
2) मान्यतानुसार इस मंदिर में बाबा विश्वनाथ (भगवान शिव) के साथ मां भगवती स्वयं विराजमान हैं
3) हिन्दूओं के बीच इस मंदिर में दर्शन करने, गंगा तट पर स्नान करने को मोक्ष प्राप्ति के समान माना जाता है
4) यह मंदिर दो भागों में है। दाहिने भाग में मां भगवती विराजमान हैं और दूसरी ओर बाबा विश्वनाथ हैं।
5) मंदिर के चार द्वार हैं - शांति, कला, प्रतिष्ठा, निवृत्ति द्वार। इन सभी द्वारों का तंत्र विधा में खास स्थान है

