Pitru Paksha 2022: जानिए पितृ पक्ष में ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराने से जुड़े 10 जरूरी नियम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 7, 2022 10:55 AM2022-09-07T10:55:22+5:302022-09-07T14:50:37+5:30

पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू हो रहा है। यह 15 दिनों तक चलता है। इस दौरान ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराने से जुड़े कुछ ऐसे नियम हैं जिनका विशेष ध्यान रखना चाहिए।

Pitru Paksha 2022: 10 important rules for bhoj to Brahmins and poors | Pitru Paksha 2022: जानिए पितृ पक्ष में ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराने से जुड़े 10 जरूरी नियम

पितृ पक्ष में ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराने से जुड़े 10 जरूरी नियम

Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर से है। अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी 25 सितंबर तक पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है। हिंदू धर्म में पितृपक्ष के इन दिनों का बहुत महत्व है। मान्यता है कि इन दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं। ऐसे में उनके नाम से दान आदि करना चाहिए और ब्राह्मण और गरीबों को भोजन कराया जाना चाहिए।

ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में जो लोग ऐसा नहीं करते उनके पितर भूखे-प्यास ही धरती से लौट जाते हैं और परिवार को पितृदोष लग सकता है। श्राद्ध और तर्पण में श्रद्धा और शुद्धता का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। खासकर ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराने से जुड़े कुछ ऐसे नियम हैं जिनका विशेष ध्यान रखना चाहिए। आईए, जानते इसके बारे में....

1. श्राद्ध और तर्पण के बाद जब भी ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं तो ध्यान रखें उसे केले के पत्ते पर नहीं परोसा जाए। मान्यता है कि इससे पितरों को तृप्ति नहीं मिलती है। लोहे और स्टील के बर्तन का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।

2. भोजन कराने के लिए सोने, चांदी, कांसे और तांबे के बर्तन का ही इस्तेमाल सर्वोत्तम माना जाता है। 

3. ऐसी मान्यता है कि चांदी के बर्तन में भोजन कराने से पुण्य प्राप्त होता है और पितर भी तृप्त होते हैं।

4. श्राद्ध पर भोजन के लिए ब्राह्मणों को दक्षिण दिशा में बैठाएं। मान्यता है कि दक्षिण में पितरों का वास होता है। 

5. गाय, चींटी, कुत्ते, कौए और देवता को भोजन कराने के बाद ही ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। श्राद्ध पर ब्राह्मणों को भोज कराना अनिवार्य है।

6. ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद उन्हें कपड़े, अनाज, दक्षिणा आदि भी दान में दें और उनका आशीर्वाद लें। 

7. भोज और दान-दक्षिणा देने के बाद ब्राह्मणों को उन्हें छोड़ने घर के द्वार तक जाएं। मान्यता है कि ब्राह्मणों के साथ पितरों की भी विदाई होती है।

8. ब्राह्मणों के भोजन के बाद ही खुद और अपने रिश्तेदारों को भोजन कराएं।

9. बहन, दामाद और भांजे को भी भोजन अवश्य कराएं। ऐसी मान्यता है कि उनके भोजन के बिना पितर प्रसन्न नहीं होते।

10. यही भी ध्यान रखे कि कुत्ते और कौए का भोजन, कुत्ते और कौए को ही खिलाया जाए। देवताओं और चींटी के नाम पर निकाले भोजन को गाय को खिलाया जा सकता है।

Web Title: Pitru Paksha 2022: 10 important rules for bhoj to Brahmins and poors

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे