Pausha Month 2019: इस तारीख से लग रहा है पौष का महीना, जानें इस माह से जुड़ी कुछ खास बातें
By मेघना वर्मा | Published: December 8, 2019 11:42 AM2019-12-08T11:42:29+5:302019-12-08T11:42:29+5:30
पौष के महीने को बहुत से लोग पूस का महीना भी कहते हैं। इस महीने में ठंड बढ़ जाती है। भारतीय महीनों के नाम नक्षत्रों के आधार पर पड़े हैं।
हिन्दू पंचाग के अनुसार हर महीने का अपने आप में एक खासियत होती है। सावन का महीना जिस तरह भगवान शिव को समर्पित होता है जिस तरह माघ का महीना पवित्र महीने में गिना जाता है वैसी ही पौष का महीना भी सूर्य की उपासना के लिए जाना जाता है। दिसंबर महीने में शुरू होने वाले पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है।
इस साल पौष का महीना 22 दिसंबर से लग रह है। जो अगले साल 22 जनवरी 2020 तक रहेगा। मान्यता है कि पौष महीने में नियमित रूप से सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति स्वस्थ्य और संपन्न रहता है। साथ ही उसे किसी भी तरह का काष्ट नहीं होता। विक्रम संवत में पौष का महीना दसवां महीना होता है।
कैसे पड़ा पौष महा का नाम
पौष के महीने को बहुत से लोग पूस का महीना भी कहते हैं। इस महीने में ठंड बढ़ जाती है। भारतीय महीनों के नाम नक्षत्रों के आधार पर पड़े हैं। महीने की पूर्णिमा को चांद जिस नक्षत्र में होता है उस महीने का नाम वही रख दिया जाता है। पौष महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है। इसी वजह से इस महीने का नाम पौष पड़ गया।
कीजिए इनकी पूजा
पुरानी मान्यताओं के अनुसार पौष के महीने में भगवान सूर्य देव की पूजा की जानी चाहिए। सूर्य के भग नाम के स्वरूप की पूजा पौष माह में की जाती है। इस महीने सूर्य को अर्घ्य देने के साथ उपवास रखने का भी महत्व बताया जाता है। इसके साथ ही पौष माह में आपको तिल और चावल की खिचड़ी का भोग भी सूर्य भगवान को लगाना चाहिए।
रहे इन चीजों से दूर
1. पौष महीने में नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए।
2. इस महीने में कोशिश करें कि सफेद चीनी का इस्तेमाल ना करें। बल्कि इसकी जगह गुड़ का उपयोग करें।
3. इस महीने में अजवायन, लौंग और अदरक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
4. यह सूर्य देव का महीना माना जाता है इसलिए इस महीने में कभी भी रात का बासी खाना ना खाएं।