इस पौष पूर्णिमा करें ये उपाय, होगी धन की वर्षा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 28, 2017 02:57 PM2017-12-28T14:57:10+5:302017-12-28T15:05:44+5:30
पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र जल में स्नान करने और विधि अनुसार पूजा करने का महत्त्व है
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या दोनों का अत्यधिक महत्त्व है। हिन्दू तिथि के अनुसार कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन पूर्णिमा और शुक्ल पक्ष का अंतिम दिन अमावस्या कहलाता है। आम जनमानस की समझ में पूर्णिमा वह दिन होता है जिस रात चंद्रमा अपने पूर्ण यानी पूरे आकर में होता है। दूसरी तरफ अमावस्या की रात चांद दिखाई नहीं देता है।
तिथि के अनुसार दोनों दिनों का अलग-अलग महत्व होता है लेकीन हिन्दू अनुयायी इसे अपने तरीके से जरूर मनाते हैं। नए साल में प्रवेश करते ही 2 जनवरी को पौष पूर्णिमा है। वैसे पंचांग के अनुसार एक दिन पहले यानी 1 जनवरी से ही पूर्णिमा तिथि आरम्भ हो जाएगी जो 2 जनवरी की सुबह 7 बजकर 23 मिनट तक की मानी जा रही है।
पौष पूर्णिमा का महत्व
हिन्दू धर्म में पौष पूर्णिमा को मोक्ष प्राप्ति के साथ जोड़ा जाता है। कहते हैं इस दिन विधि अनुसार व्रत एवं पूजन करने वाले भक्त को मृत्यु उपरान्त मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए इसदिन लोग विशेष पूजा-पाठ और व्रत का पालन करते हैं। तो यदि आप भी इस पौष पूर्णिमा व्रत एवं पूजा करने का विचार बना रहे हैं तो आगे शास्त्रानुसार जानिए पूजा विधि।
पौष पूर्णिमा का व्रत-पूजन
किसी भी पूर्णिमा के व्रत की विधि सरल होती है। मान्यता अनुसार इसदिन प्रातः किसी भी तीर्थ स्थल पर स्नान करना चाहिए, लेकिन अगर आप ऐसा ना कर सकें तो घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और पूरा दिन फलाहार (व्रत का भोजन) ही लें।
रात्रि में चन्द्रमा के दर्शन होने पर निम्नलिखित मंत्र के उच्चारण सहित उनकी पूजा करें:
वसंतबान्धव विभो शीतांशो स्वस्ति न: कुरु।
गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
पूजा के बाद मौन होकर भोजन करें और व्रत का पारण करें।
पूर्णिमा का उपाय
पौष पूर्णिमा या फिर हर महीने आने वाली किसी भी पूर्णिमा को सुख-शान्ति एवं धन पाने का एक सरल उपाय किया जा सकता है। उपाय के अनुसार पूर्णिमा की सुबह स्नान के बाद पीपल के वृक्ष पर कुछ मीठा खाद्य पदार्थ एवं मीठे जल का अर्पण करें। मान्यता है कि पीपल के वृक्ष पर धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। इस उपाय को करने से देवी धन की वर्षा करती हैं और परिवार में खुशहाली आती है।