Paush Purnima 2023: साल 2023 की पहली पूर्णिमा पर बन रहे 4 दुर्लभ योग, ऐसे पाएं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

By रुस्तम राणा | Published: January 2, 2023 02:09 PM2023-01-02T14:09:44+5:302023-01-02T14:09:44+5:30

इस बार पूर्णिमा तिथि और शुक्रवार का दिन दोनों ही लक्ष्मी जी को समर्पित है। ऐसे में पौष पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का खास अवसर है। इस दिन की गई पूजा और उपाय से जीवन में खुशियों का आगमन होगा।

Paush Purnima 2023 Date and Time shubh yoga vrat vidhi and significance | Paush Purnima 2023: साल 2023 की पहली पूर्णिमा पर बन रहे 4 दुर्लभ योग, ऐसे पाएं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

Paush Purnima 2023: साल 2023 की पहली पूर्णिमा पर बन रहे 4 दुर्लभ योग, ऐसे पाएं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

Paush Purnima 2023 Date and Time: पौष पूर्णिमा 6 जनवरी, शुक्रवार को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पौष मास शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। हिंदू ग्रंथों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व बताया गया है। पौष पूर्णिमा पर चंद्र देव, मां लक्ष्मी और भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है। इस दिन गंगा स्नान करना बेहद शुभ बताया जाता है। इस दिन पुण्य प्राप्त करने के लिए लोग व्रत रखते हैं।

पौष पूर्णिमा के दिन बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग

इस बार पूर्णिमा तिथि और शुक्रवार का दिन दोनों ही लक्ष्मी जी को समर्पित है। ऐसे में पौष पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का खास अवसर है। इस दिन की गई पूजा और उपाय से जीवन में खुशियों का आगमन होगा। वहीं पौष पूर्णिमा पर ब्रह्म, इंद्र और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो इस दिन के महत्व को दोगुना कर रहे हैं।

इंद्र योग - 06 जनवरी 2023, को सुबह 08.11 बजे से - 07 जनवरी 2023, सुबह 08.55 बजे तक
ब्रह्म योग - 05 जनवरी 2023, को सुबह 07.34 बजे से - 06 जनवरी 2023, को सुबह 08.11 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग - रात्रि 12.14 बजे - सुबह 06.38 बजे तक (7 जनवरी 2023)

पौष पूर्णिमा तिथि का मुहूर्त

पौष पूर्णिमा तिथि आरंभ - 6 जनवरी 2023, सुबह 2.14 बजे
पौष पूर्णिमा तिथि समाप्त - 7 जनवरी 2023, सुबह 04.37 बजे

पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि

पौष पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने से पहले व्रत का संकल्प लें। 
इसके बाद पवित्र नदी या कुण्ड में स्नान करें। 
स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें। 
स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। 
स्नान से करने के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए। 
इसके बाद किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से दें।

पौष पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार, पौष सूर्य देव का माह कहलाता है। मान्यता है कि इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

Web Title: Paush Purnima 2023 Date and Time shubh yoga vrat vidhi and significance

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