Panchak: पंचक काल में इस बार शुरू होगा नया साल, जानें इन पांच दिनों में क्या करें और क्या नहीं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 18, 2019 13:54 IST2019-12-18T13:54:00+5:302019-12-18T13:54:00+5:30

Panchak In December 2019: वैदिक ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के विशेष मेल से बनने वाले योग को ही पंचक कहा जाता है। इस बार पंचक 30 दिसंबर से शुरू हो रहा है।

Panchak in December Date, New year 2020 to begin in panchak kaal from 30th December | Panchak: पंचक काल में इस बार शुरू होगा नया साल, जानें इन पांच दिनों में क्या करें और क्या नहीं

Panchak In December: पंचक की शुरुआत 30 दिसंबर से

HighlightsPanchak in December: पंचक काल में शुरू होगा इस बार नया सालहर 27 दिनों में आता है पंचक, दिनों के हिसाब से होते हैं अलग-अलग प्रभाव

Panchak In December 2019: इस बार नया साल यानी 2020 का आगमन पंचक के बीच होगा। हर 27 दिन पर आने वाले पंचक के इस बार नये साल पर ही पड़ जाने के कारण जरूरी है कि कुछ शुभ काम नहीं किये जाएं। हालांकि, ये मलमास या खरमास का भी समय चल रहा है।

ऐसे में पहले से ही कई लोगों ने कुछ दिनों के लिए शुभ कार्य टाल दिये हैं। चूकी पंचक इस बार सोमवार से शुरू हो रहा है इसलिए इसे राजपंचक कहा जाएगा। दरअसल, वैदिक ज्योतिष के अनुसार दिन के हिसाब से सभी पंचक का प्रभाव अलग-अलग होता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि पंचक की शुरुआत किस दिन से हुई है। 

Panchak In December: पंचक की शुरुआत 30 दिसंबर से

पंचक की शुरुआत 30 दिसंबर (सोमवार) से हो रही है और ये 4 जनवरी, 2020 (शनिवार) तक रहेगा। पंचाक 30 दिसंबर को सुबह 9.36 बजे से लगेगा और ये 4 तारीख को सुबह 10.06 बजे खत्म होगा। इसके बाद अगला पंचक 26 जनवरी, 2020 से 31 जनवरी तक लगेगा।

बता दें कि सोमवार से शुरू हुए पंचक को राजपंचक, मंगलवार को अग्नि पंचक, बुध और गुरुवार को अशुभ जबकि शुक्रवार को चोर पचंक कहा जाता है। ऐसे ही अगर पंचक की शुरुआत रविवार से होती है तो उसे रोग पंचक कहते हैं। जबकि शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। 

Panchak In December: पंचक काल में इन बातों का रखें ध्यान

- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा से बचना चाहिए। इसे यम यानी मृत्यु की दिशा के तौर पर जाना जाता है। इसलिए इस दिशा में पंचक में यात्रा से हानि की आशंका रहती है।

- पंचक के दौरान घर निर्माण करते समय छत भी नहीं डालना चाहिए। इससे घर में नुकसान और क्लेश का वातावरण बना रहता है।

- इस दौरान सोने के लिए स्थान जैसे पलंग बनवाना, खरीदना या बिस्तर आदि खरीदना भी अशुभ माना जाता है।

- पंचक काल में घास, लकड़ी, कंडे या किसी अन्य प्रकार ईंधन को एकत्र करने या इसके भंडारण से बचना चाहिए।

- पंचक काल में मृत्यु भी शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान किसी की मृत्यु होने पर घर के अन्य सदस्यों पर भी संकट मंडराता रहता है। इसलिए, इससे बचने के लिए कुछ उपाय भी हैं। मान्यताओं के अनुसार जिस शख्स की मृत्यु पंचक काल में हो गई है, उसके दाह-संस्कार के दौरान पांच पुतले बनाकर उसका भी शव के साथ दाह-संस्कार करना चाहिए। इससे परिवार पर पंचक दोष समाप्त होता है।

Panchak In December: पंचक क्या होता है

वैदिक ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के विशेष मेल से बनने वाले योग को ही पंचक कहा जाता है। चंद्रमा अपनी चाल के अनुसार एक राशि में ढाई दिन रहता है। इस तरह दो राशियों में चंद्रमा पांच दिनों तक रहता है। इन्हीं पांच दिनों के दौरान चंद्रमा जब आखिरी पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से होकर गुजरता है तो इन्हे पंचक कहा जाता हैं। मान्यताओं के अनुसार कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इस में आखिरी पांच को दूषित माना गया है।

Web Title: Panchak in December Date, New year 2020 to begin in panchak kaal from 30th December

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