सावन के पहले सोमवार को काशी में यादवों ने किया बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक, लगाया भोलेनाथ का जयकारा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 18, 2022 16:17 IST2022-07-18T16:13:43+5:302022-07-18T16:17:49+5:30

काशी में सावन के पहले सोमवार को यादव बंधुओं द्वारा बाबा विश्वनाथ के पहले जलाभिषेक परंपरा साल 1932 से चली आ रही है। इस पंरपरा का आज भी काशी के यादव बंधुओं द्वारा पूरे उत्साह के साथ पालन करते हैं।

On the first Monday of Sawan, Yadavs performed Jalabhishek of Baba Vishwanath in Kashi, hailed Bholenath | सावन के पहले सोमवार को काशी में यादवों ने किया बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक, लगाया भोलेनाथ का जयकारा

सावन के पहले सोमवार को काशी में यादवों ने किया बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक, लगाया भोलेनाथ का जयकारा

Highlightsसावन के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाने का विशेष फल माना जाता हैकाशी के यादव बंधु साल 1932 से सावन के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाते आ रहे हैंपरंपरा के अनुसार यादव बंधु ललिता घाट से गंगाजल भरके काशी विश्वनाथ दरबार में पहुंचते हैं

वाराणसी: काशी में सावन का पहला सोमवार भोलेमय होता है। पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाने का विशेष फल माना जाता है। इस दिन काशी के यादव समाज के लोग विशेषतौर पर जलाभिषेक करते हैं और मंदिर प्रशासन इसके लिए उन्हें विशेष वरियता देता है। कहा जाता है कि साल 1932 से चली आ रही इस पंरपरा का आज भी काशी के यादव बंधुओं द्वारा उसी उत्साह से पालन किया जाता है, जैसी इसकी शुरूआत हुई थी।

 

आज सुबह में भी यादव बंधु ललिता घाट से गंगाजल भरके काशी विश्वनाथ दरबार में पहुंचे और बाबा का दिव्य जलाभिषेक किया। ललिता घाट से बाबा धाम पहुंचने के रास्तों को पुलिस बल द्वारा विशेष रूप से इनके लिए आरक्षित किया गया था। परंपरा के अनुसार इस बार भी वाराणसी के जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने यादव बंधुओं को सबसे पहले जलाभिषेक की परमिशन दी थी।

वहीं मंदिर प्रशासन ने भी इसके लिए खास प्रबंध किये थे। पीतल के ध्वजा और डमरु लिये जब यादव बंधु सिर पर गंगाजल लिये काशी विश्वनाथ मंदिर दरबार में पहुंचे तो पूरा वातावर शिवमय हो गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने यदुवंशियों के जत्थे द्वारा बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए पूरे रूट को खाली करा दिया था। यादवों के जत्थे के आगे-आगे वाराणसी पुलिस, पीएसी और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस जवान चल रहे थे। 90 साल पुरानी यदुवंशियों की जलाभिषेक परंपरा को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती थी।

इसके बाद यादव बंधु मानमंदिर घाट, डेढ़सीपुल, साक्षी विनायक, ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर का चक्कर लगाते हुए काशी विश्वनाथ में जलाभिषेक किया। उसके बाद यादव समाज के लोग पुनः ललिता घाट पहुंचे और वहां से दोबारा जल लेकर अपनी यात्रा के छठे पड़ाव यानी दारानगर के महामृत्युंजय मंदिर की ओर रवाना हुए। 


 
मालूम हो कि यदुवंशी समाज हर साल सावन के पहले सोमवार को केदार घाट के गौरी केदारेश्वर मंदिर, तिलाभांडेश्वर महादेश, दशाश्वमेध स्थित शीतला मंदिर, आह्नादेश्वर महादेव, काशी विश्वनाथ, महामृत्युंजय, त्रिलोचन महादेव, ओमकारेश्वर महादेव, लाट भैरव में जलाभिषेक की वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।

Web Title: On the first Monday of Sawan, Yadavs performed Jalabhishek of Baba Vishwanath in Kashi, hailed Bholenath

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