Navratri 2020 4th Day: आज नवरात्रि के चौथे दिन होती है कुष्मांडा देवी की पूजा, जानें विधि, कथा और मंत्र

By गुणातीत ओझा | Updated: October 20, 2020 10:13 IST2020-10-20T10:13:04+5:302020-10-20T10:13:04+5:30

नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। कुष्मांडा देवी को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है।

Navratri 2020 4th day October 20 Kushmanda Devi Puja Know Puja Vidhi Story Mantra and significance | Navratri 2020 4th Day: आज नवरात्रि के चौथे दिन होती है कुष्मांडा देवी की पूजा, जानें विधि, कथा और मंत्र

आज नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की पूजा।

Highlightsनवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा देवी की पूजा का विधान है।नवरात्रि में हर दिन मां दुर्गा के अलग अलग अवतारों की पूजा होती है।

Day 4 Navratri: शारदीय नवरात्रि का आज चौथा दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि में हर दिन मां दुर्गा के अलग अलग अवतारों की पूजा होती है। नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा देवी की पूजा का विधान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां कुष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। मां कुष्मांडा की विधि विधान से पूजा करने वालों को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। मां कुष्मांडा संसार को अनेक कष्टों और संकटों से मुक्ति दिलाती हैं। मां कुष्मांडा को लाल रंग के फूल बहुत पसंद हैं। लाल फूलों से पूजा करने पर मां कुष्मांडा प्रसन्न होकर भक्तों पर आशीर्वाद बनाती हैं। मां कुष्मांडा की पूजा विधि पूर्वक करने के बाद दुर्गा चालीसा और मां दुर्गा की आरती करने का विशेष महत्व होता है।

ऐसा है मां कुष्मांडा का स्वरूप

मां दुर्गा के चौथे स्वरूप कुष्मांडा देवी का स्वरूप बहुत ही भव्य होता है। उन्हें अष्टभुजा भी कहा जाता है, मां कुष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। मां ने अपने हाथों में धनुष-बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल और कमंडल धारण किया हुआ है। वहीं एक और हाथ में मां के हाथों में सिद्धियों और निधियों से युक्त जप की माला भी है, वे हमेशा सिंह पर सवार रहती हैं।

मां कुष्मांडा की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार मां कुष्मांडा का अर्थ होता है कुम्हड़ा। मां दुर्गा असुरों के अत्याचार से संसार को मुक्त करने के लिए कुष्मांडा का अवतार लिया था। मान्यता है कि देवी कुष्मांडा ने पूरे ब्रह्माण्ड की रचना की थी। पूजा के दौरान कुम्हड़े की बलि देने की भी परंपरा है। इसके पीछे मान्यता है ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और पूजा सफल होती है।

मां कुष्मांडा की पूजा विधि

नवरात्रि के चौथे दिन सुबह स्नान करने के बाद मां कुष्मांडा स्वरूप की विधिवत करने से विशेष फल मिलता है। पूजा में मां को लाल रंग के फूल, गुड़हल या गुलाब का फूल भी प्रयोग में ला सकते हैं, इसके बाद सिंदूर, धूप, गंध, अक्षत् आदि अर्पित करें। सफेद कुम्हड़े की बलि माता को अर्पित करें। कुम्हड़ा भेंट करने के बाद मां को दही और हलवा का भोग लगाएं और प्रसाद में वितरित करें।

मां कुष्मांड को प्रसन्न करने का मंत्र
ॐ देवी कूष्माण्डायै नम:॥

बीज मंत्र
कूष्मांडा ऐं ह्री देव्यै नम:

प्रार्थना
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

Web Title: Navratri 2020 4th day October 20 Kushmanda Devi Puja Know Puja Vidhi Story Mantra and significance

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