लाइव न्यूज़ :

Mauni Amavasya 2023: इस साल की मौनी अमावस्या बेहद खास, 30 साल बाद बन रहा है खप्पर योग, जानें स्नान-दान का मुहूर्त और पूजा विधि

By रुस्तम राणा | Published: January 19, 2023 8:18 PM

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान करने से बहुत पुण्य मिलता है।

Open in App

Mauni Amavasya 2023 Date: इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी, शनिवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। इसके साथ ही शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि अमावस्या भी कहा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान करने से बहुत पुण्य मिलता है। इस दिन पितरों को तर्पण करने की भी परंपरा है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।

मौनी अमावस्या मुहूर्त 2023

मौनी अमावस्या की तिथि आरंभ: 21 जनवरी, शनिवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट सेमौनी अमावस्या की तिथि समाप्त: 22 जनवरी, रविवार को सुबह 02 बजकर 22 मिनट तक

मौनी अमावस्या पर 30 साल बन रहा है खप्पर योग

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या पर खास योग बन रहा है। 30 साल बाद मौनी अमावस्या पर खप्पर योग बन रहा है। यह योग धार्मिक कार्यों को संपन्न करने और कुंडली में शनि के शुभ प्रभाव के लिए किए जाने वाले उपायों के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है। 

मौनी अमावस्या व्रत नियम

सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।यदि घर पर स्नान कर रहे हैं तो नहाने के जल में गंगा जल डालकर स्नान करना चाहिए।सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, घी आदि का दान करना चाहिए। गाय को खाना खिलाना चाहिए।पितरों के निमित्त तर्पण करना चाहिए। तत्पश्चात दान-पुण्य के कार्य करना चाहिए।

मौनी अमावस्या का महत्व

हिंदू धार्मिक शास्त्रों में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। कहते हैं मुख से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है, उससे कई गुना ज्यादा पुण्य मौन रहकर जाप करने से मिलता है। मौनी अमावस्या के दिन अगर दान से पहले सवा घंटे तक मौन रख लिया जाए तो दान का फल 16 गुना अधिक बढ़ जाता है और मौन धारण कर व्रत व्रत का समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। मौन रहकर स्नान दान करने से व्रती के जन्मों जन्मों के कष्ट मिट जाते हैं।

टॅग्स :मौनी अमावस्याहिंदू त्योहारअमावस्या
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी व्रत कल, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मिटते हैं सारे पाप

पूजा पाठMohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी पर बन रहे हैं कईं शुभ योग, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और कथा

पूजा पाठJyeshtha Month 2024: कब शुरू हो रहा ज्येष्ठ महीना, जानें इस दौरान मनाए जानते हैं कौन-कौन से त्यौहार और व्रत

पूजा पाठGanga Saptami Katha: जब क्रोध में गंगा नदी को पूरा पी गए महर्षि जह्नु, फिर आगे क्या हुआ? पढ़ें गंगा सप्तमी की रोचक कथा

पूजा पाठSkanda Sashti in May 2024: कब है स्कंद षष्ठी व्रत? यहां जानें तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठParshuram Dwadashi 2024: क्यों मनाई जाती है परशुराम द्वादशी, क्या है इसका महत्व, जानें इसकी तिथि और समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 18 May 2024: आज आर्थिक फैसले लेते समय बरतें सावधानी, धन खर्च होने की संभावना

पूजा पाठआज का पंचांग 18 मई 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठLord PARSHURAM: भगवान परशुराम ने स्वयं किसी का विध्वंस नहीं किया बल्कि पितृ स्मृतियों के वशीभूत होकर दुष्टों का वध किया

पूजा पाठVaishakha Purnima 2024: कब है वैशाख पूर्णिमा? जानें तिथि और महत्व, ऐसे करें पूजा