Mauni Amavasya 2022: 1 फरवरी को मौनी अमावस्या, इस दिन पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए करें ये 5 काम

By रुस्तम राणा | Published: January 29, 2022 02:32 PM2022-01-29T14:32:09+5:302022-01-29T14:34:35+5:30

मौनी अमावस्या के दिन स्नान के पश्चात पितृ तर्पण की भी परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन आप पितरों को प्रसन्न करके पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है।

Mauni Amavasya 2022 pitra dosha nivaran upay in Mauni Amavasya | Mauni Amavasya 2022: 1 फरवरी को मौनी अमावस्या, इस दिन पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए करें ये 5 काम

मौनी अमावस्या 2022: इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और उसके पश्चात दान का विशेष महत्व है।

इस बार मौनी अमावस्या 1 फरवरी, मंगलवार को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान करने से बहुत पुण्य मिलता है। इस दिन पितरों को तर्पण करने की भी परंपरा है। इस दिन आप पितरों को प्रसन्न करके पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है। शास्त्रों के अनुसार, जिन लोगों पर पितृ दोष होता है, उनकी उन्नति नहीं हो पाती है, उन्हें जीवन में तमाम तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। मौनी अमावस्या के दिन आप पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए ये आसान उपाय कर सकते हैं-

1. मौनी अमावस्या के दिन प्रातः काल स्नान करके। गरीब लोगों में दान करना चाहिए। शिवमंदिर में जाकर आराधान करना चाहिए। पूजा के बाद शिवजी से पितृ दोष से मुक्ति और जीवन में सुख, शांति एवं उन्नति के लिए प्रार्थना करना चाहिए। शिव कृपा से आप पितृ दोष से मुक्त हो सकते हैं।

2. मौनी अमावस्या को गंगा स्नान या घर पर बाल्टी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। उसके बाद अपने समस्त पितरों का स्मरण करें। उनको जल में काला तिल मिलाकर तर्पण दें। तर्पण पाकर पितर खुश होते हैं। ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है।

3. कुंडली में कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए मौनी अमावस्या पर पितरों की आत्म तृप्ति के लिए पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि करना चाहिए। इसके पश्चात ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। यह उपाय करने से कुंडली में कालसर्पदोष का प्रभाव कम होता है।

4. मौनी अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण हेतु भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए और फिर श्राद्ध कर्म के बाद कुत्ता और कौआ को उस भोजन का अंश दना चाहिए। उनके भोजन ग्रहण करने से पितर तृप्त होते हैं। 

5. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए माघी अमावस्या की शाम को किसी मंदिर के पास वाले पीपल के पेड़ की जड़ में जल और गाय का कच्चा दूध चढ़ाएं। उसके बाद सरसों के तेल का दीपक जला दें। यह उपाय करने से आपको लाभ प्राप्त होगा। 

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