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Mangla Gauri Vrat 2023: सावन का पांचवां मंगला गौरी व्रत कब? जानिए पूजन विधि और महत्व

By अंजली चौहान | Published: July 31, 2023 5:44 PM

मंगला गौरी के व्रत के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है।

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ठळक मुद्देमंगला गौरी का 1 अगस्त को पड़ रही हैमंगला गौरी के दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है सावन का यह पांचवां मंगला गौरी व्रत है

Mangla Gauri Vrat 2023: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस समय सावन का पवित्र महीना चल रहा है। इस महीने में शिव भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और किसी भी तरह का गलत काम नहीं करते।

सावन माह में पड़ने वाले सोमवारों को बहुत महत्व होता है इसी तरह इस माह में मंगलवार का भी विशेष महत्व है। मंगलवार को दिन माता पार्वती को समर्पित है। 

सावन में पड़ने वाले मंगलवार को सुहागन स्त्रियां मंगला गौरी का व्रत करती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सुहागन महिलाएँ अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना से यह व्रत करती है। 

इस साल सावन में अधिकमास लगने के कारण कुल 9 मंगला गौरी व्रत पड़ रहे हैं जिसमें से पांचवा मंगला गौरी व्रत 1 अगस्त को पड़ने वाला है। 

मंगला गौरी व्रत पूजन विधि 

मंगला गौरी व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं को मंगलवार के दिन व्रत और पूजा पाठ करना होता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।

सुहागिन पूरा सोलह श्रृंगार करें और माता पार्वती की पूजा करें। अपने पूजाघर या मंदिर में जाकर माता की पूजा करें उनके सामने दीपक जलाएं। ध्यान रहें की पूजा में शिव और पार्वती दोनों की मूर्ति हो। पूजा करने के लिए एक लड़की की चौकी रखे उस पर लाल कपड़ा बिछाए और उस पर भगवान शिव और माता पार्वती की फोटो या मूर्ति स्थापित करें।

अब मां पार्वती को सिंदूर लगाकर फूल चढ़ाएं, अक्षत, कुमकुम, फल, मिठाई आदि के साथ सोलह श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। अब आरती की थाल लेकर आरती करें और हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें। पूरे दिन फलाहार करके व्रत रखे और अगले दिन बुधवार को व्रत का पारण करें। 

मंगला गौरी व्रत का महत्व 

मंगला गौरी का व्रत माता पार्वती को समर्पित है।माता पार्वती जो कि सुहागिन और भगवान शिव के साथ जन्मों तक साथ रही है। इसी कामना से अपने वैवाहिक जीवन में सुख, सौभाग्य बना रहने के लिए स्त्रियों को मंगला गौरी का व्रत करना चाहिए।

सुहागिन स्त्रियों के व्रत रखने से उनकी संतान, पति, परिवार और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। हालांकि, माता पार्वती की प्रसन्न करने के लिए ये व्रत कुवारी कन्याएं भी कर सकती हैं।

कुवारी कन्याओं के व्रत रखने से शादी के योग जल्दी बनते हैं। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष हो उन्हें भी मंगला गौरी का व्रत करना चाहिए। 

मंगला गौरी व्रत के उपाय 

- मंगला गौरी की पूजा के दौरान श्री मंगला गौरी मंत्र 'ओम गौरीशंकराय नम:' का जाप करें। 

- मंगला गौरी की पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों में लाल मसूर की दाल, लाल वस्त्र का दान करें इससे मंगल ग्रह मजबूत होगा।

- मंगल दोष दूर करने के लिए सावन में पड़ने वाले मंगलवार के दिन रुद्रावतार हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त करें और रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करें।

(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)

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