लाइव न्यूज़ :

Makar Sankranti 2024: आने वाली है मकर संक्रांति, खाते हैं खिचड़ी, लेकिन मनाते हैं क्यों इस पर्व को, जानिए यहां

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 11, 2024 15:12 IST

मकर संक्रांति वो पावन पर्व है, जिसे हिंदुओं में बहुत आस्था और विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दिन को बच्चे पतंग उत्सव की तरह मनाते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देमकर संक्रांति वो पावन पर्व है, जिसे हिंदुओं में बहुत आस्था और विश्वास के साथ मनाया जाता हैमकर संक्रांति के दिन पूरा परिवार पवित्र गंगा में स्नान करता है और निर्धनों को दान-पुण्य देता हैमकर संक्रांति को पोंगल, माघी, उत्तरायण और खिचड़ी आदि नामों से भी जाना जाता है

Makar Sankranti 2024 Traditional Food:मकर संक्रांति वो पावन पर्व है, जिसे हिंदुओं में बहुत आस्था और विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दिन को बच्चे पतंग उत्सव की तरह मनाते हैं। इसके साथ ही पूरा परिवार गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और निर्धनों को दान-पुण्य देते हैं।

भारत में मकर संक्रांति कई नामों से मनाई जाती है। इसे पोंगल, माघी, उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी आदि नामों से भी जाना जाता है। कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहा जाता है। दरअसल हिन्दू पंचांग में वर्षावली दो प्रकार की होती है। इसमें से एक सूर्य आधारित और दूसरा चंद्र आधारित होती है। मकर संक्रांति पर्व सूर्य आधारित कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है।

अगर हम इस साल मनाये जाने वाली मकर संक्रांति की बात करें तो वह 15 जनवरी को मनाई जाएगी। हालांकि अमूमन हर वर्ष 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष सूर्य धनु से मकर राशि में 14 तारीख की देर रात 2:44 बजे प्रवेश कर रहा है। इसलिए इस साल मकर संक्रांति 15 को ही मनाया जाएगा। इस दिन पौष शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि है और शतभिषा नक्षत्र इसे विशेष बना रही है जबकि इस दिन अभिजीत मुहूर्त दिन के 11:31 बजे से दोपहर 2:14 बजे तक रहेगा।

मकर संक्रान्ति भारत का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रांति का पर्व तब मनाया जाता है जब पौष मास में सूर्य मकर राशि पर प्रवेश करता है। मकर संक्रान्ति पर्व को उत्तरायण भी कहा जाता है क्योंकि इसी दिन से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर होता है।

इसके अलावा मान्यताओं की बात करें तो मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का वध कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था। तभी से भगवान विष्णु की इस जीत को लेकर मकर संक्रांति मनाने की परंपरा है।

वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी दान करने से मनुष्य को सुख और शांति मिलती है। इसके अलावा गुड़ और तिल दान करने से भी कुंडली में सूर्य और शनि की स्थिति से शांति मिलती है।

कहा जाता है कि शनि की साढ़े साती से प्रभावित लोगों को मकर संक्रांति के दिन तांबे के बर्तन में काला तिल भरकर गरीबों को दान करना चाहिए। मक

र संक्रांति के दिन नमक का दान करने से भी शुभ लाभ होता है। मान्यता है कि गाय के दूध से बने घी का दान करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। अनाज दान करने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न रहती हैं।

मकर संक्रांति को उत्तर भारत में प्रचलित रूप से खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है। विद्वानों के मुताबिक मकर संक्रांति पर जो खिचड़ी बनाई जाती है उसका संबंध किसी न किसी ग्रह से जुड़ा होता है।

विद्वतजनों का कहना है कि खिचड़ी में मुख्य रूप से प्रयोग होने वाले चावल का संबंध चंद्रमा से होता है। वहीं खिचड़ी में मिलाये जाने वाली काली उड़द की दाल का संबंध शनिदेव से, पीले रंग की हल्दी का संबंध गुरुदेव बृहस्पति से और हरी सब्जियों का संबंध बुध से जुड़ा माना जाता है।

इसके अलावा खिचड़ी में घी भी पड़ती है, जिसे सूर्य देव से जोड़कर देखा जाता है। इसलिए मकर संक्रांति की खिचड़ी को बेहद खास माना जाता है। इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन जरूरतमंदों, गरीबों, अपने आचार्य और पुरोहितों को खिचड़ी का दान भी लाभप्रद माना जाता है।

मकर संक्रांति के सम्बंध में कई मान्यताएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन देवी गंगा भगवान विष्णु के अंगूठे से निकलकर भागीरथ के पीछे-पीछे कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं। यहां उन्होंने भागीरथ के पूर्वज महाराज सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष प्राप्ति का वरदान दिया था। यही कारण है कि बंगाल स्थित गंगासागर में कपिल मुनि के आश्रम में मकर संक्रांति के दिन विशाल मेला लगता है।

टॅग्स :मकर संक्रांतिहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार