छह साल बाद मकर संक्रांति पर बना ये खास संयोग, इन उपायों से करें सूर्य देव को प्रसन्न
By गुलनीत कौर | Published: January 10, 2018 11:19 AM2018-01-10T11:19:42+5:302018-01-10T11:21:25+5:30
इस योग में कुछ विशेष वस्तुएं दान कर पाएं सूर्य देव की कृपा, घर में आएगी खुशहाली।
पौष मास में सूर्य देव के मकर राशि पर आने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। यह दिन पूरे भारत में अलग-अलग रूप से मनाया जाता है। इसदिन उत्तर भारत में मकर संक्रांति तो दक्षिण भारत में पोंगल का पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है।
इस बार की मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी का दिन काफी शुभ माना जा रहा है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार करीब छह साल बाद सूर्य देव को समर्पित यह दिन रविवार के दिन ही पड़ रहा है।
14 जनवरी रविवार की दोपहर ठीक 3 बजकर 52 मिनट पर सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करते ही मलमास समाप्त हो जाएगा। लेकिन व्रत एवं पूजन सुबह सूर्य उदय के साथ ही आरम्भ हो जाएगा। मलमास के हटने से इशुभ और मांगलिक कार्यों पर लगा विराम भी हट जाएगा। यानी अब शादियां हो सकेंगी।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार रविवार का दिन सूर्य देव का दिन माना जाता है और मकर संक्रांति का दिन रविवार को ही होने के कारण इस पर्व की शुभता और भी अधिक बढ़ जाती है। इस संयोग को ध्यान में रखते हुए यदि मकर संक्रांति पर सूर्य देव को प्रसन्न करने के उपाय किए जाए तो विशेष कुंडली दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है।
सूर्य देव को प्रसन्न कर भक्त जीवन में मान-सम्मान, प्रसिद्धि, यश , धन लाभ आदि प्राप्त कर सकता है। आगे जानिए मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं:
1. यदि जन्म कुंडली में कोई दोष हो तो मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त देख कर घर में 'सूर्य यन्त्र' स्थापित करें। सूर्य यन्त्र स्थापित करने की विधि और सही तरीका किसी विशेषज्ञ से अवश्य जान लें।
2. इस दिन स्नान का बेहद महत्त्व माना गया है। किसी तीर्थ स्थल पर (संभव हो तो सूर्य मंदिर में) इस मंत्र का उच्चारण करते हुए स्नान करें - ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
3. मकर संक्रांति के दिन दान का महत्त्व माना गया है। कुंडली में सूर्य दोषों से बचने के लिए गर्म वस्त्र, घी, चावल, अनाज आदि का दान किया जाता है।
4. मकर संक्रांति की सुबह गुड़ और कच्चे चावल बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मान्यता है कि ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
5. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ताम्बा सूर्य की धातु है। मकर संक्रांति के दिन तांबे का सिक्का या अन्य वास्तु बहते जल में प्रवाहित कर दें। कहा जाता है कि ऐसा करने से कुंडली दोष शांत होते हैं।