महाष्टमी पूजा 2023: चैत्र नवरात्रि के दिन इस विधि से करें महागौरी की आराधना, जानें पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और आरती
By रुस्तम राणा | Updated: March 28, 2023 14:53 IST2023-03-28T14:53:56+5:302023-03-28T14:53:56+5:30
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि (29 मार्च, बुधवार) पर महागौरी की पूजा होती है। इसे महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है।

महाष्टमी पूजा 2023: चैत्र नवरात्रि के दिन इस विधि से करें महागौरी की आराधना, जानें पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और आरती
Maha Ashtami Puja 2023:चैत्र नवरात्रि पर्व अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। नवरात्रि का आठवाँ दिन (29 मार्च, बुधवार) महागौरी को समर्पित है। इसे महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है। महागौरी का रंग बेहद गोरा है इसलिए इनको महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है। इस दिन कन्या पूजन का विधान होता है। धार्मिक मान्यता है कि मां महागौरी की विधिवत पूजा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और कन्या पूजन से भक्तों की कामनाएं पूर्ण होती हैं।
महाष्टमी पूजन मुहूर्त 2023
महाष्टमी तिथि प्रारंभ - 28 मार्च, शाम 7: 02 बजे से
महाष्टमी तिथि समाप्त - 29 मार्च, रात 9:07 बजे तक
कन्या पूजन मुहूर्त - 29 मार्च, दोपहर 12: 13 बजे तक (इस दौरान शोभना योग रहेगा)
मां महागौरी पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।
मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम लगाएं।
मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।
मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं।
मां महागौरी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती भी करें।
इस दिन कन्या पूजन भी करें।
महागौरी स्तोत्र
सर्वसंकट हंत्रीत्वंहिधन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदाचतुर्वेदमयी,महागौरीप्रणमाम्यहम्॥
सुख शांति दात्री, धन धान्य प्रदायनीम्।
महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया ।
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता ॥
हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
'चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥