महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) हिन्दुओं का एक बड़ा त्यौहार है जिसे पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल भगवान भोलेनाथ का पर्व महाशिवरात्रि 4 मार्च, 2019 को मनाया जा रहा है। भोले के भक्तों को इस पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। महाशिवरात्रि हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महाशिवरात्रि का त्यौहार फाल्गुन यानि माघ महीने की 13वीं रात और 14वें दिन को पड़ता है।
महाशिवरात्रि का क्या अर्थ है? (Significance of Maha Shivratri 2019)
महाशिवरात्रि का अर्थ है 'शिव की महान रात' होता है। इस दिन महादेव के भक्त अपनी इच्छानुसार उनके लिए व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर फल और फूल चढ़ाकर उनकी पूजा करते हैं। इस दिन करोड़ों शिव भक्त शिव भगवान के पुराने मंदिरो जैसे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और गुजरात के सोमनाथ मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करते हैं।
कुछ लोगों को मानना है कि इस दिन भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष पी लिया था। हालांकि कई लोग कहते हैं कि महाशिवरात्रि पार्वती और महादेव के वैवाहिक मिलन का प्रतीक है। धर्मग्रंथ के अनुसार, महादेव ने हमेशा बुराइयों का विनाश किया है और सच्चे मन से याद करने वाले को भगवान शिव हमेशा अपनी कृपा बनाये रखते हैं।
महाशिवरात्रि व्रत का क्या महत्व है? (Significance Of Maha Shivratri Vrat or Fasting)
महाशिवरात्रि के दिन नीलकंठ महादेव के भक्त उनके लिए व्रत रखते हैं। साल में कई शिवरात्रि मनाई जाती हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण महाशिवरात्रि है जो फाल्गुन के महीने में आती है। महाशिवरात्रि पर उनके भक्त 'ओम नम: शिवाय' का जाप करते हैं। इस दिन दूध, दही, घी, चंदन और शहद से शिवलिंग पर लेप किया जाता है।
1) अगर आप महाशिवरात्रि पर व्रत करना चाहते हैं, तो आपको मांस का सेवन करने से बचना चाहिए।
2) भोजन में आपको दूध, पानी और फल शामिल करने चाहिए। कुछ भक्तजन महाशिवरात्रि पर व्रत के दौरान जल की बूंद तक नहीं पीते हैं।
3) महाशिवरात्रि पर बीमार, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को व्रत न रखने की सलाह दी जाती है।
4) व्रत के दौरान बिना लहसुन, अदरक और प्याज की आलू की सब्जी और कुट्टू आटे से बने व्यंजन का इस्तेमाल खाने में कर सकते हैं। इसके अलावा लौकी और कददू का हलवा, आलू टिक्की, पकौड़ा, मींग के आटे के पकौड़े व्रत में खा सकते हैं।
महाशिवरात्रि पर पूजा का सही समय और मुहूर्त (Maha Shivratri 2019 Puja Timings and Muhurat)
4 मार्च 2019 को चतुर्दशी तिथि शुरू होने पर शाम 4: 28 बजे सही समय और 5 मार्च 2019 को चतुर्दशी तिथि समाप्ति पर शाम 7: 07 बजे तक पूजा का शुभ मुहुर्त होगा।
निशिता काल में पूजा का सही समय दोपहर 12:18 से लेकर दोपहर 1:07 बजे तक रहेगा।
5 मार्च 2019 को महाशिवरात्रि पारण का समय सुबह 06: 54 से लेकर के दोपहर 03: 37 तक रहेगा।
रात्रि के प्रथम पहर में पूजा का समय शाम 6: 31 बजे से रात के 9:37 बजे तक रहेगा।
रात्रि के दूसरे पहर में पूजा का समय रात के 9: 37 बजे से लेकर दोपहर के 12:43 बजे का होगा।
तृतीय पहर में पूजा का समय दोपहर 12: 43 बजे से लेकर सुबह 03: 48 बजे का होगा।
चौथे पहर में 03: 48 से लेकर सुबह 06: 54 बजे के बीच पूजा का सही समय होगा।