Mahashivratri 2020: 117 साल बाद बन रहा है दुर्लभ योग, शिव की आराधना से मिलेगी इन दोषों से मुक्ति

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 19, 2020 04:56 PM2020-02-19T16:56:06+5:302020-02-19T16:56:06+5:30

महाशिवरात्रि 21 फरवरी को मनाई जाएगी। इस बार यह पर्व कई तरह से खास है। आइये आपको बताते पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त।

mahashivaratri on 21 february shivratri 2020 know worship timing and method | Mahashivratri 2020: 117 साल बाद बन रहा है दुर्लभ योग, शिव की आराधना से मिलेगी इन दोषों से मुक्ति

महाशिवरात्रि 21 फरवरी को मनाई जाएगी।

Highlightsइस शिवरात्री पर 117 साल बाद बन रहा है दुर्लभ योगइससे पहले यह योग शिवरात्रि पर साल 1903 में बना था

हिन्दुओं का महापर्व महाशिवरात्रि इस साल 21 फरवरी को मनाया जाएगा। इस शिवरात्रि पर 117 साल बाद दुर्लभ योग बन रहा है।  इस बार महाशिवरात्रि पर 117 साल बाद शनि और शुक्र का दुर्लभ योग बनेगा। इस महाविशरात्रि शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में और शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा। ऐसा दुर्लभ ही है कि जब ये दोनों बड़े ग्रह महाशिवरात्रि पर इस स्थिति में रहेंगे। इससे पहले यह योग साल 1903 में बना था। इस योग में भगवान शिव की आराधना करने से शनि, गुरु, शुक्र से जुड़े दोषों से मुक्ति मिलती है।

महाशिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त 

महाशिवरात्रि की तिथि: 21 फरवरी 2020
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 21 फरवरी 2020 को शाम 5 बजकर 20 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्‍त:  22 फरवरी 2020 को शाम 7 बजकर 2 मिनट तक 
रात्रि प्रहर की पूजा का समय: 21 फरवरी 2020 को शाम 6 बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक 

अपनी राशि के अनुसार ऐसे करें शिव की पूजा

मेष- शिवरात्रि पर कच्चा दूध और दही शिवलिंग पर चढ़ाएं। धतूरा अर्पण करें।  कपूर जलाकर आरती करें।

वृषभ- शिवलिंग को गन्ने के रस से स्नान कराएं। मोगरे का इत्र लगाएं। दीपक जलाकर आरती करें।

मिथुन- शिवरात्रि पर स्फटिक के शिवलिंग की पूजा करें। लाल गुलाल, कुमकुम, चंदन, इत्र चढ़ाएं। आंकड़े के फूल अर्पण करें।

कर्क- शिवरात्रि पर अष्टगंध चंदन से अभिषेक करें। बेर और आटे से बनी रोटी का भोग लगाकर आरती करें।

सिंह- फलों के रस में मिश्री मिलाकर शिवजी का अभिषेक करें। आंकड़े के पुष्प अर्पण करें, मीठा भोग लगाएं।

कन्या- बेर, धतूरा, भांग, आंकड़े के फूल चढ़ाएं। बिल्व पत्रों पर रखकर मिठाई का भोग चढ़ाएं। 

तुला- अलग-अलग फूल जल मिलाएं और शिवलिंग को स्नान कराएं। बिल्व, मोगरा, गुलाब, चावल, चंदन समर्पित करें। आरती करें।

वृश्चिक- शुद्ध जल से स्नान शिवलिंग को कराएं। शहद, घी से स्नान कराने के बाद फिर से जल से स्नान कराएं और आरती करें।

धनु- चावल से शिवलिंग का श्रृंगार करें और सूखे मेवे का भोग लगाएं। बिल्व पत्र, गुलाब आदि से श्रृंगार करें और आरती करें।

मकर- गेंहू से शिवलिंग को ढंककर पूजन करें। इसके बाद ये गेंहू गरीबों में दान कर दें।

कुंभ- सफेद-काले तिलों को मिलाकर किसी ऐसे शिवलिंग पर चढ़ाएं, जो एकांत में हो। आरती करें।

मीन- शिवरात्रि पर पीपल के नीचे बैठकर शिवलिंग का पूजन करें। ऊँ नम: शिवाय का 35 बार जाप करें, बिल्व पत्र चढ़ाएं और आरती करें।

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