Mahalaya & Pitru Amavasya: महालया अमावस्या आज, जानिए पितरों का श्राद्ध करने का तरीका

By ज्ञानेश चौहान | Updated: September 28, 2019 06:19 IST2019-09-28T06:19:43+5:302019-09-28T06:19:43+5:30

Mahalaya & Pitru Amavasya: इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि याद नहीं। इसके अलावा इस दिन ऐसे पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है जो ऐसे पितृ जिनके मरने की तिथि अज्ञात है या वह सालों से लापता हैं और उनके जिंदा होने की कोई उम्मीद भी नहीं है।

Mahalaya history pitru visarjan amavasya pitru paksha last sraddha tarpana vidhi | Mahalaya & Pitru Amavasya: महालया अमावस्या आज, जानिए पितरों का श्राद्ध करने का तरीका

Mahalaya 2019: महालया अमावस्या आज, जानिए पितरों का श्राद्ध करने का तरीका

Highlightsइस दिन एक तरफ जहां पितर पक्ष का समापन और नवरात्र की शुरूआत होने वाली होती हैऐसा माना जाता है कि महालया में मां दुर्गा ने असुरों का सर्वनाश किया था।

अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के साथ ही आज (28 सितंबर को) पितृपक्ष का समापन हो जाएगा। पश्चिम बंगाल में इसे "महालया अमावस्या" कहा जाता है। इस दिन एक तरफ जहां पितर पक्ष का समापन और नवरात्र की शुरूआत होने वाली होती है। इस दिन पितरों को विदा करने का दिन है। ऐसा माना जाता है कि महालया में मां दुर्गा ने असुरों का सर्वनाश किया था। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस दिन मां पार्वती कैलाश छोड़कर अपने पुत्रों गणेश और कार्तिकेय से मिलने आती हैं।

इसलिए मनाते हैं महालया
इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि याद नहीं। इसके अलावा इस दिन ऐसे पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है जो ऐसे पितृ जिनके मरने की तिथि अज्ञात है या वह सालों से लापता हैं और उनके जिंदा होने की कोई उम्मीद भी नहीं है।

पितरों का श्राद्ध करने का तरीका
इस दिन तर्पण में दूध, तिल, कुशा, पुष्प, गंध मिश्रित जल से पितरों को तृप्त किया जाता है। इसके अलावा इस दिन पितरों की पसंद का भोजन बनाकर पांच स्थानों में भोजन को निकालना चाहिए। इसमें पहला हिस्सा गाय का, दूसरा देवों का, तीसरा हिस्सा कौए का, चौथा हिस्सा कुत्ते का और पांचवा हिस्सा चींटियों का होता है। जल का तर्पण करने से पितरों की प्यास बुझती है।

दरवाजे पर आने वाले किसी भी जीव का निरादर ना करें
पितृ पक्ष के 14 दिनों में अगर आप अपने पितरों का श्राद्ध न कर पाए हों तो पितृ दोष से बचने के लिए अमावस्या में उनका भी श्राद्ध किया जा सकता है। मान्यता है कि इन दिनों में पितर किसी भी रूप में आपके घर पर आ सकते हैं। इसलिए भूलकर भी अपने दरवाजे पर आने वाले किसी भी जीव का निरादर ना करें। ऐसे पितरों को श्राद्ध पक्ष के आखिरी दिन तर्पण दिया जाता है।

English summary :
Pitru Paksha will end today (on 28 September) with the new moon day of the Krishna Paksha of Ashwin month. In West Bengal it is called "Mahalaya Amavasya". On this day, where the end of the Pitru Paksha and the beginning of Navratri is about to take place.


Web Title: Mahalaya history pitru visarjan amavasya pitru paksha last sraddha tarpana vidhi

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