Mahakumbh Mela 2025:साल दर साल बढ़ता जा रहा कुंभ मेला आयोजित करने का खर्च, जानें 1882 से 2025 तक कितनी रकम खर्च

By राजेंद्र कुमार | Updated: January 14, 2025 11:35 IST2025-01-14T11:32:17+5:302025-01-14T11:35:42+5:30

Mahakumbh Mela 2025:जबकि 142 साल पहले मौनी अमावस्या के दिन 8 लाख लोगों के स्नान करने की बात अभिलेखागार के आंकड़ों में लिखी गई है.

Mahakumbh Mela 2025 1882 20 thousand crores were spent in organizing Kumbh Now under Yogi government 7000 crores are being spent in organizing the fair | Mahakumbh Mela 2025:साल दर साल बढ़ता जा रहा कुंभ मेला आयोजित करने का खर्च, जानें 1882 से 2025 तक कितनी रकम खर्च

Mahakumbh Mela 2025:साल दर साल बढ़ता जा रहा कुंभ मेला आयोजित करने का खर्च, जानें 1882 से 2025 तक कितनी रकम खर्च

Mahakumbh Mela 2025: पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ प्रयागराज में संगम की रेती पर एकता के महाकुंभ की शुरुआत हो गई. अब 45 दिनों तक संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए करीब 45 करोड़ लोग संगम तट पर बसाए गए महाकुंभ नगर में पहुंचेंगे. इस नगर को बसाने में और संगम में स्नान करने आने वाले 45 करोड़ लोगों के लिए सड़क,बिजली, पुल, बाजार, चिकित्सा आदि तमाम तरह ही सुविधाओं को जुटाने में योगी सरकार करीब 7000 करोड़ रुपए खर्च कर रही है.

संगम तट पर कुंभ मेला आयोजित करने के लिए अब तक खर्च की जा रही यह सबसे बड़ी धनराशि है. प्रयागराज के क्षेत्रीय अभिलेखागार में रखे दस्तावेज को पढ़ने से इस सच्चाई का खुलासा होता हैं. यह भी पता चलता है कि आज से 142 साल पहले वर्ष 1882 में कुंभ का आयोजन महज 20,288 रुपए की लागत से हुआ था.  

वर्ष 1882 में 20 हजार खर्च हुए थे मेला आयोजित करने में : 

प्रयगराज के क्षेत्रीय कार्यालय में मौजूद अभिलेखागार के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 1882 के महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर लगभग 8 लाख लोगों ने स्नान किया था. जबकि आज पौष पूर्णिमा के दिन संगम में करीब 50 लाख लोगों के स्नान करने का दावा किया जा रहा है. जबकि 142 साल पहले मौनी अमावस्या के दिन 8 लाख लोगों के स्नान करने की बात अभिलेखागार के आंकड़ों में लिखी गई है.

इसमें यह भी लिखा हुआ है कि तब कुंभ मेले के आयोजन में मात्र 20,288 रुपये खर्च हुए थे. फिर बारह साल बाद वर्ष 1894 में हुए कुंभ मेले के आयोजन में 69,427 रुपए खर्च हुए थे. इसके बाद 1906 में हुए कुंभ मेल के आयोजन में 90, 000 रुपए खर्च आया था. वर्ष 1918 के कुंभ में 1.37 लाख रुपए खर्च हुए. जबकि वर्ष 2001 में कुंभ मेले के आयोजन में करीब 200 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.

इसके बाद अखिलेश यादव सरकार में हुए कुंभ मेले में सरकार ने 1,300 करोड़ रुपए खर्च किए थे. वर्ष 2019 में हुए अर्ध कुंभ में जिसे योगी सरकार ने महाकुंभ कहा के आयोजन में 4,236 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. अब महाकुंभ के आयोजन में  सात हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. 

महात्मा गांधी ने संगम में किया था स्नान 

प्रयागराज के क्षेत्रीय कार्यालय में मौजूद अभिलेखागार के आंकड़ों के मुताबिक, महात्मा गांधी भी प्रयागराज में वर्ष 1918 को हुए कुंभ मेले के दौरान संगम में स्नान करने आए थे. तब उन्होंने ना केवल संगम में डुबकी लगाई, बल्कि कुंभ में तमाम संत से भी वह मिले थे. वह कुंभ में आए श्रद्धालुओं से भी मिले थे. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के भी प्रयागराज में हुए कुंभ मेले में आए थे

Web Title: Mahakumbh Mela 2025 1882 20 thousand crores were spent in organizing Kumbh Now under Yogi government 7000 crores are being spent in organizing the fair

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