महाभारत: अर्जुन को एक अप्सरा से क्यों मिला था नपुंसक होने का शाप, जानिए ऐसा क्या किया था इस महारथी ने

By विनीत कुमार | Published: March 7, 2020 12:45 PM2020-03-07T12:45:53+5:302020-03-07T12:45:53+5:30

Mahabharat: अर्जुन को ये शाप उर्वशी से मिला था। महाभारत की कथा के अनुसार अर्जुन तब विशेष अस्त्र-शस्त्र हासिल करने के लिए स्वर्ग गये हुए थे।

Mahabharat story why Arjuna was cursed by Urvasi of being impotent | महाभारत: अर्जुन को एक अप्सरा से क्यों मिला था नपुंसक होने का शाप, जानिए ऐसा क्या किया था इस महारथी ने

अर्जुन को स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी से मिला था शाप (फोटो- वीडियो ग्रैब)

Highlightsमहाभारत की कथा के अनुसार अर्जुन को पुरुषों में उत्तम बताया गया हैस्वर्ग में उर्वशी से मिला था नपुंसक होने का शाप, इसके पीछे है एक दिलचस्प कथा

Mahabharat Story:महाभारत की कहानी में अर्जुन नायक के तौर पर देखे जाते हैं। हालांकि, ये भी सच है अर्जुन से बड़ी भूमिका इस पूरी कथा में श्रीकृष्ण की रही। अर्जुन को सबसे महान धनुर्धर और महारथी कहा गया है। साथ ही महाभारत की कथा में उन्हें पुरुषों में भी उत्तम कहा गया है। वैसे उनसे जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि उन्हें कुछ समय तक नपुंसक रहने का शाप मिला था।

ये शाप भी उस समय अर्जुन को मिला जब महाभारत की लड़ाई शुरु होने में कुछ समय बाकी रह गया था। इसमें भी खास बात ये कि अर्जुन को नपुंसक होने का शाप स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी से मिला।

अर्जुन को क्यों मिला नपुंसक होने का शाप

महाभारत की कथा के अनुसार युद्ध की संभावना को देखते हुए श्रीकृष्ण ने अर्जुन को स्वर्ग जाकर अस्त्र-शस्त्र विद्या में पारंगत होने सहित कुछ और विशेष शस्त्र आदि हासिल करने की सलाह दी। कृष्ण की बात मानकर अर्जुन स्वर्ग चले गये। अर्जुन को भगवान इंद्र का भी पुत्र कहा गया है। इसलिए उनका स्वर्ग में खूब सत्कार हुआ और वे वहां कुछ दिन रूके। 

इसी दौरान स्वर्ग की रूपवती अप्सरा उर्वशी अर्जुन को देख उन पर मोहित हो गईं। वह एक दिन कामपीड़ित होकर अर्जुन के पास पहुंचीं और उनसे प्रणय निवेदन करने लगीं। उर्वशी की बात सुन अर्जुन ने कहा, 'आप पूरूवंश की जननी है। इस तरह आपसे मेरा पुत्र और माता का संबंध बनता है। इसलिए हे अप्सरा! आप मेरे विषय में कोई अन्यथा भाव मन में न लाएं। आपका भी मेरे मन में वही स्थान है जो माता कुंती, माद्री या फिर माता गांधारी के लिए है।'

यह सुनवर उर्वशी कहती हैं, 'अप्सराएं कभी किसी की माता या पत्नी नहीं होती। पूरूवंश के कितने ही पोते-नाती तपस्या करके यहां आते हैं और वे हम सब अप्सराओं के साथ रमण करते हैं। इसमें कोई अपराध नहीं है। हे अर्जुन! तुम्हे देख मेरी काम-वासन जागृत हुई है। मुझे अंगीकार करो।'

अर्जुन इसके बावजूद उर्वशी की बात नहीं मानते हैं। आखिरकार उनकी बातों की अवमानना होते देख उर्वशी क्रोधित हो जाती हैं और अर्जुन को नपुंसक होने का शाप देती है। 

अर्जुन को जब ये शाप मिला था तब पांडव अज्ञातवास की शुरुआत करने वाले थे। अर्जुन इसी नपुंसक होने के शाप के कारण बृहन्नला बनकर अपना असली रूप छिपाने में समर्थ रहते हैं और राजा विराट की कन्या उत्तरा सहित उसकी सखियों को संगीत आदि की शिक्षा देते हैं। 

पांडव ने अज्ञातवास के दौरान विराट नगर में एक साल सफलतापूर्वक बिताया और दुर्योधन सहित कौरव का कोई भी गुप्तचर उन्हें नहीं खोज सका था। दुर्योधन ने 13 वर्ष के वनवास के समय शर्त रखी थी कि पांडवों को एक साल का अज्ञातवास बिताना होगा। इसका मतलब ये हुआ कि कौरव उन्हें इस दौरान खोज न सकें। अगर कौरव उन्हें अज्ञातवास में खोजने में कामयाब होते तो पांडवों को और 12 साल वनवास काटना पड़ता।

दुर्योधन की शर्त थी कि यदि ऐसा हुआ तो वह पांडवों का हारा हुआ राज्य लौटा देगा। आखिरकार कौरव उन्हें खोजने में नाकाम रहते हैं लेकिन दुर्योधन ने इसके बावजूद अपनी कही हुई बात को मानने से इनकार किया और इस तरह महाभारत के युद्ध की शुरुआत हुई।

Web Title: Mahabharat story why Arjuna was cursed by Urvasi of being impotent

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे