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माघ पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का अनूठा है यह संयोग, आज कतई ना करें ये काम

By धीरज पाल | Updated: January 31, 2018 10:38 IST

माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डूबकी लगाने से सारे पाप कट जाते हैं।

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हिंदू धर्म में माघ का महीना पवित्र माना जाता है। इस महीने में किसी पवित्र नदी में स्नान करना, दान देना, सूर्य को अर्घ्य देना और  पूजा-पाठ करने के साथ व्रत रखना शुभ माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक माघ महीने के बाद फाल्गुन और फिर चैत्र आएगा। चैत्र महीने से हिंदू धर्म का नया साल शुरू होता है। साल 2018 के जनवरी महीने की अंतिम तिथि को को माघ पूर्णिमा पड़ रही है। खास बात यह है कि माघी पूर्णिमा के ही दिन इस साल का पहला चंद्रग्रगहण भी पड़ रहा है। वैसे हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन इस दिन चंद्रग्रहण पड़ने की वजह से इसकी महत्वता और भी बढ़ जाती है। 

माघी पूर्णिमा का महत्व

पंचांग के मुताबिक पूर्णिमा महीने की 15वीं और शुक्लपक्ष की अंतिम तिथि होती है। इस दिन चंद्रमा आकाश में पूरा होता है। हर माह की पूर्णिमा पर कोई न कोई पर्व व व्रत अवश्य होता है। साल 2018 का माघ पूर्णिमा  31 जनवरी बुधवार को पड़ रही है। माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डूबकी लगाने से सारे पाप कट जाते हैं। शास्त्रों के मुताबिक जो व्यक्ति स्वर्ग की अभिलाषा करते हैं और स्वर्ग में अत्यधिक समय तक सुख का आनंद पाना चाहते हैं उन्हें माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। लेकिन इस माघ पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लग रहा है। लिहाजा हमें कुछ विशेष बातों पर ध्यान देने की जरूरत है।

माघ पूर्णिमा को करें ये काम

इस दिन दान का विशेष महत्व होता है। आप घी, गुड़, काला तिल और गर्म कपड़ों का दान कर सकते हैं। पुराणों के मुताबिक इस दिन पवित्र नदी में स्नान और निर्धन जनों को दान कर अक्षय पुण्य के साथ ही मनुष्य को चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है।

माघी पूर्णिमा के दिन कतई न करें 

इस साल माघ पूर्णिमा के दिन पहला चंद्रग्रहण लग रहा है। यह चंद्रग्रहण पुष्य नक्षत्र में प्रारंभ होगा और अश्लेषा नक्षत्र में समाप्त होगा। ऐसे में आपको कुछ विशेष बातों पर ध्यान देना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दिन इन कामों को कतई न करें...1. ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक चंद्रग्रहण के वक्त मोटरसाइकिल से दुर्घटना की संभावना रहती है। क्योंकि पूर्णिमा की रात को चांद बहुत बड़ा होता है और चमकदार भी रहता है। इससे ड्राइवर का ध्यान भटक सकता है। 

2. ग्रहण के वक्त खुले आकाश में ना निकलें, खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चे। 3.  ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं।4. किसी भी तरह का शुभ कार्य ना करें और पूजा भी ना करें। इसी वजह से ग्रहण के दौरान मंदिर के द्वार भी बंद कर दिए जाते हैं।

 

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