Magh Purnima 2024 Date: 23 या 24 फरवरी, कब है माघ पूर्णिमा? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
By रुस्तम राणा | Updated: February 17, 2024 14:16 IST2024-02-17T14:16:16+5:302024-02-17T14:16:55+5:30
माघ पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में माघ मेले में पांचवा पवित्र स्नान किया जाएगा। इस दिन श्रीहरि विष्णु जल में वास करते हैं। माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने वालों को आरोग्य और कई यज्ञ करने के समान पुण्य मिलता है।

Magh Purnima 2024 Date: 23 या 24 फरवरी, कब है माघ पूर्णिमा? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Magh Purnima 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास में आने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहते हैं। इस साल माघ पूर्णिमा तिथि 23 फरवरी को है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ के महीने में देवतागण पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयागराज में स्नान, दान और जाप करते हैं। इस बार माघ पूर्णिमा के दिन रवि योग रहने वाला है। माघ पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में माघ मेले में पांचवा पवित्र स्नान किया जाएगा। इस दिन श्रीहरि विष्णु जल में वास करते हैं। माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने वालों को आरोग्य और कई यज्ञ करने के समान पुण्य मिलता है।
माघ पूर्णिमा 2024 तिथि
माघ पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 23 फरवरी 2024 को दोपहर 03:33 बजे से
पूर्णिमा तिथि का समापन - 24 फरवरी 2024 को शाम 5:59 बजे तक
चंद्रोदय - 23 फरवरी 2024 को शाम 06.12 मिनट पर होगा
माघ पूर्णिमा तिथि का महत्व
माघ पूर्णिमा को बहुत ही शुभ दिन माना गया है। धार्मिक कार्यों को करने के लिए इस दिन को अत्यंत शुभ बताया गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर प्रात: काल स्नान करने से रोगों का नाश होता है। दान करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली तमाम बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन की जाने वाली पूजा से देवताओं का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है। वहीं ऐसा भी माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा के दिन करें ये काम
माघ पूर्णिमा के दिन घर में पूजा और सत्यनारायण की कथा आयोजित करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और घर में खुशहाली बनी रहती है। माघ पूर्णिमा पर तिल और कंबल का दान अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु पर तिल चढ़ाने की भी परंपरा है। तिल का सेहत से गहारा नाता है। इसके साथ ही जरूरतमंदों को काले कंबल का दान करने से भी कई तरह की बाधाएं दूर होती हैं।