Magh Mela 2020: पौष पूर्णिमा पर 10 जनवरी से माघ मेले की शुरुआत, जानें माघ स्नान पर्व के सभी दिन और महत्व

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 3, 2020 13:22 IST2020-01-03T09:48:44+5:302020-01-03T13:22:19+5:30

Magh Mela and Magh Snan Parv 2020: माघ मेले और माघ स्नान पर्व की शुरुआत पौष पूर्णिमा से होती है और ये शिवरात्रि तक जारी रहती है।

Magh Mela 2020 snan date time in Allahabad ujjain nasik haridwar and Magh snan parv significance | Magh Mela 2020: पौष पूर्णिमा पर 10 जनवरी से माघ मेले की शुरुआत, जानें माघ स्नान पर्व के सभी दिन और महत्व

Magh Mela 2020: पौष पूर्णिमा पर 10 जनवरी से शुरुआत

HighlightsMagh Mela: पौष पूर्णिमा से शुरुआत होती है माघ स्नान पर्व की इस बार 10 जनवरी से माघ स्नान पर्व की शुरुआत, 21 फरवरी को महाशिवरात्रि के साथ होगा खत्म

Magh Mela and Magh Snan Parv 2020: पौष पूर्णिमा से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलने वाले माघ मेले और माघ स्नान पर्व की शुरुआत इस बार 10 जनवरी से हो रही है। इस बार महाशिवरात्रि 21 फरवरी को है।

इस लिहाज से देश के कई पवित्र नदियों के किनारे इस दौरान लगने वाले मेलों की भी शुरुआत होती है। करीब डेढ़ महीने के चलने वाले इस विशेष पर्व के दौरान पवित्र नदियों के संगम में स्नान और फिर दान का विशेष महत्व है। 

ऐसे तो इन दिनों में देश भर के कई जगहों पर लोग नदियों के किनारे इकट्ठा होकर उसमें आस्था की डुबकी लगाते हैं लेकिन विशेष आयोजन इलाहाबद, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार आदि जगहों पर ही देखने को मिलता है।

पौष पूर्णिमा से लोगों का नदियों के किनारे जुटना शुरू होता है और महाशिवरात्रि तक जारी रहता है। इसलिए माघ माह में संगम के तट पर निवास को 'कल्पवास' भी कहा जाता है।

Magh Mela 2020: माघ मेला के स्नान पर्व

मान्यताओं के अनुसार माघ स्नान पर्व में ऐसे तो सभी स्नानों का शुभ फल मिलता है। हालांकि, मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या का महत्व विशेष है। ये हैं सभी स्नानों के दिन..

पौष पूर्णिमा- 10 जनवरी (शुक्रवार)
मकर संक्रांति- 15 जनवरी (बुधवार)
मौनी अमावस्या- 24 जनवरी (शुक्रवार)
वसंत पंचमी- 30 जनवरी (मंगलवार)
माघी पूर्णिमा- 9 फरवरी (रविवार)
महाशिवरात्रि- 21 फरवरी (शुक्रवार)

Magh Mela 2020: मौनी अमावस्या के दिन देवता आते हैं धरती पर

माघ मास की अमावस्या तिथि को बेहद शुभ माना गया है। इसे ही मौनी अमावस्या भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर देवता धरती पर रूप बदलकर आते हैं और संगम में स्नान करते हैं।

माघ मास को कार्तिक माह की ही तरह पुण्य मास कहा गया है। मौनी अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहा जाता है। इस तिथि को मौनी अमावस्या इसलिए भी कहा गया है क्योंकि इस व्रत को करने वाले को पूरे दिन मौन व्रत का पालन करना होता है।

पौराणिक कथा के अनुसार इस परंपरा का जुड़ाव सागर मंथन से है। सागर मंथन से जब अमृत कलश निकला तो देवताओं एवं असुरों में इसे लेकर खींच-तान शुरू हो गयी। इस दौरान अमृत कलश से कुछ बूंदें छलक गईं और प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में जा कर गिरी। इसलिए ऐसा माना गया है कि इन स्थानों पर नदियों में स्नान करने पर अमृत स्नान जैसा पुण्य मिलता है।

English summary :
Magh Mela and Magh Snan Parv 2020: The Magh Mela and Magh Snan festival, which starts from Paush Purnima and continues till Mahashivratri 2020, is starting from 10 January 2020 this time. This time Mahashivratri is on 21 February.


Web Title: Magh Mela 2020 snan date time in Allahabad ujjain nasik haridwar and Magh snan parv significance

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