Kedarnath Mandir Opening Updates: ‘बम-बम भोले’ और ‘जय बाबा केदार’ के जयकारे से गूंजा केदारनाथ धाम?, श्रद्धालुओं के लिए कपाट खुले, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 2, 2025 11:16 IST2025-05-02T11:15:50+5:302025-05-02T11:16:51+5:30
Kedarnath Mandir Opening Live Updates: भगवान शिव के धाम को देश-विदेश से मंगाए गए विभिन्न प्रकार के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।

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Kedarnath Mandir Opening Live Updates: सर्दियों में छह माह बंद रहने के बाद शुक्रवार सुबह केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए फिर खोल दिए गए। रुद्रप्रयाग जिले में ग्यारह हजार फुट से अधिक की उंचाई पर स्थित ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के कपाट खुलने के मौके पर मंदिर प्रांगण में हजारों श्रद्धालुओं के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। ठंड के बावजूद अपार उत्साह से भरे श्रद्धालु ‘बम-बम भोले’ और ‘जय बाबा केदार’ के जयकारे लगा रहे थे। इस मौके पर भगवान शिव के धाम को देश-विदेश से मंगाए गए विभिन्न प्रकार के 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
#WATCH | Uttarakhand: The portals of the Shri Kedarnath Dham were opened for the devotees today at 7 am
— ANI (@ANI) May 2, 2025
Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami arrived at the temple premises on this occasion and welcomed the devotees. pic.twitter.com/fxndJk3Lmw
Portals of Shri Kedarnath Dham opened for devotees, CM Dhami welcomes pilgrims
Read @ANI Story | https://t.co/jaOQg2wUAd#KedarnathDham#Devotees#Dhami#pilgrimspic.twitter.com/jrJzeCF9S1— ANI Digital (@ani_digital) May 2, 2025
तीस अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। उत्तराखंड के चार धामों में शामिल बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को खुलेंगे और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा की पूरी तरीके से विधिवत शुरुआत हो जाएगी।
हर साल सर्दियों में भीषण ठंड के कारण चारों धामों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं। मंदिर के कपाट छह महीने के लिए खुले रहते हैं और इस दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इन धामों के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पिछले साल करीब 48 लाख श्रद्धालु हिमालयी धामों में पहुंचे।
केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से 11,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर को सजाने में जुटे स्वयंसेवकों की टीम का नेतृत्व कर रहे गुजरात के वडोदरा निवासी सृजल व्यास ने बताया कि सजावट के लिए गुलाब और गेंदा समेत 54 प्रकार के फूलों का इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने बताया कि ये फूल दिल्ली, कश्मीर, पुणे, कोलकाता और पटना के अलावा नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका से लाए गए हैं। व्यास ने बताया कि गेंदे के फूल विशेष रूप से कोलकाता के एक खास गांव से लाए जाते हैं, क्योंकि स्थानीय किस्म के विपरीत ये जल्दी मुरझाते नहीं हैं और औसतन 10-15 दिनों तक ताजा बने रहते हैं।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल ने यहां बताया कि इस बार केदारनाथ में श्रद्धालुओं को एक नयी बात देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि काशी, हरिद्वार और ऋषिकेश मे होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर इस बार यहां मंदिर के किनारे मंदाकिनी और सरस्वती के संगम पर ‘भव्य आरती’ शुरू की जाएगी।