Karwa chauth 2020: सबसे पहले किसने रखा था करवा चौथ का व्रत? कैसे शुरू हुई इस व्रत की परंपरा

By गुणातीत ओझा | Updated: November 4, 2020 12:06 IST2020-10-28T18:40:39+5:302020-11-04T12:06:31+5:30

आज 4 नवंबर को सुहागिन औरतें करवा चौथ का व्रत रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना कर रही हैं। करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत महत्व रखता है।

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जानें कैसे शुरू हुई करवा चौथ व्रत की परंपरा।

Highlightsसुहागिनें 4 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना करेंगी।करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत महत्व रखता है।

KARWA CHAUTH 2020: पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन औरतें हर साल करवा चौथ का व्रत रखती हैं। आदि काल से चले आ रहे इस व्रत की परंपरा के साथ आज भी हिन्दू धर्म में गहरी आस्था है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है।    आज 4 नवंबर को सुहागिन औरतें करवा चौथ का व्रत रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना कर रही हैं। करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत महत्व रखता है। करवा चौथ पर माता पार्वती, भगवान शिव और चंद्रदेव की पूजा का विधान है। सुहागिन स्त्रियां करवा चौथ पर पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रोदय के पश्चात चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए ये व्रत रखती हैं। इस व्रत को रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। आइये आपको बताते हैं कि सबसे पहले इस व्रत को किसने रखा.. कैसे शुरु हुई करवाचौथ पर व्रत रखने की परंपरा और इस दिन चंद्रमा की पूजा क्यों की जाती है।

पौराणिक कथा के अनुसार करवाचौथ का व्रत सबसे पहले स्वयं माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। यही कारण है कि सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना के साथ इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने का भी विधान है।

करवा चौथ के व्रत के बारे में यह भी कहा जाता है कि एक बार देवों और दानवों में बहुत भीषण युद्ध हुआ तब ब्रह्मदेव ने सभी देवताओं की पत्नियों को करवा चौथ का व्रत करने के लिए कहा। ब्रह्मा जी की बात मानकर सभी देवियों ने कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को व्रत रखा जिससे देवों को युद्ध में विजय प्राप्त हुई। तभी से यह परंपरा शुरु हुई। इस व्रत की महिमा की कथा महाभारत के समय में भी मिलती है।

पौराणिक कथा के अनुसार जब अर्जुन नीलगिरी पर्वत पर तपस्या करने गए, उस समय पांडवों पर कई तरह के संकट आने लगे। तब द्रोपदी ने अपने पतियों के संकट को दूर करने के लिए भगवान कृष्ण से उपाय पूछा। तब भगवान ने उन्हें कार्तिक मास की चतुर्थी को व्रत करने को कहा। द्रोपदी ने पूरी श्रद्धा के साथ इस व्रत को किया। जिसके बाद पांडवों के सारे संकट दूर हो गए। 

करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा क्यों की जाती है?

चंद्रमा को आयु वृद्धि और शीतलता का कारक माना जाता है। इसलिए माना जाता है कि चंद्रमा की पूजा करने से आयु में वृद्धि होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। करवा चौथ की पौराणिक कथा में भी चंद्रमा की पूजा का महत्व बताया जाता है। 

Web Title: karwa chauth 2020 who started karva chauth fast how tradition of karva chauth started

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