देश भर में 23 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाएगा। कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाये जाने वाले इस पर्व को लोग देव दीपावली के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवताओं को एक साथ प्रसन्न किया जा सकता है। इसे हिन्दू धर्म की सबसे जरूरी पूर्णिमा भी मानी जाती है। इस दिन हवन, दान, गंगा स्नान, उपासना आदि का विशेष महत्व है। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार धारण किया था। इस दिन लोग दीपों का दान भी करते हैं। इस दिन कुछ कामों को कतई नहीं करना चाहिए।
1. प्याज लहसुन का ना करें सेवन
इस दिन को हिन्दू मान्यताओं में बेदह खास माना गया है। पुराणों में इस दिन को ईश्वर के प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन भूलकर भी प्याज, लहसुन, मांस, अंडा जैसे तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए। इन चीजों का कतई सेवन नहीं करना चाहिए।
2. ना करें मदिरा का सेवन
पूर्णिमा के दिन सिर्फ लहसुन-प्याज का ही नहीं बल्कि मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि मदिरा, मनुष्य को अहंकार की ओर ले जाती है और जिस भी मनुष्य में अंहकार आ गया वो ईश्वर से दूर हो जाता है। ईश्वर से उसका नाता टूट जाता है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. ना बनाएं शारीरिक संबंध
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भूलकर भी शारीरिक संबंध ना बनाएं। इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन शारीरिक संबंध बनाने से चंद्रमा का दुष्टप्रभाव आप पर पड़ सकता है। साथ ही ये बेहद अशुभ भी माना जाता है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन शारीरिक संबंध ना बनाएं।
4. ना रखें मन-मुटाव
कार्तिक पूर्णिमा के दिन आप सभी देवी-देवताओं के अपनी पूजा और उपासना से खुश कर सकते हैं। मगर ऐसा तभी होगा जब आप सच्चे मन से भगवान की पूजा करेंगे। इस दिन घर में शांति, सद्भाव और प्यार का माहौल बनाएं रखें। साथ ही किसी तरह का द्वेष मन में ना रखें।
5. करें गरीबों और असहायों की मदद
वैसे तो गरीबों और असहायों की मदद सिर्फ इस दिन ही नहीं बल्कि हर दिन करना चाहिए। क्योंकि किसी की दिल से मदद करके आप भगवान को खुश करते हैं। इस दिन भी अपने दरवाजे पर आए किसी भी गरीब को बिना खाना और पानी दिए जाने नहीं देना चाहिए।