Kanya Pujan 2019: पूजा के दौरान कन्याओं के माथे पर क्यों लगाते हैं चावल? जानिए क्या कहते हैं शास्त्र

By मेघना वर्मा | Updated: October 5, 2019 14:05 IST2019-10-05T14:05:40+5:302019-10-05T14:05:40+5:30

अक्षत का कन्या पूजन में इस्तेमाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि चावल समृद्धि का प्रतीक है। माना जाता है कि पूजा में इसके इस्तेमाल से घर में लक्ष्मी प्रवेश करती है।

Kanya Pujan 2019: what is importance of akshat or rice in hindu rituals | Kanya Pujan 2019: पूजा के दौरान कन्याओं के माथे पर क्यों लगाते हैं चावल? जानिए क्या कहते हैं शास्त्र

Kanya Pujan 2019: पूजा के दौरान कन्याओं के माथे पर क्यों लगाते हैं चावल? जानिए क्या कहते हैं शास्त्र

Highlightsनौ दिन नवरात्रि की पूजा के बाद लोग कन्याओं का पूजन करते हैं।कन्याओं के साथ एक बालक को भी पूजन के लिए आमंत्रित किया जाता है।

देशभर में नवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा है। जहां एक ओर भक्त नौ दिन मां दुर्गा की उपासना करते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ भक्त कन्या पूजन की तैयारियों में लगे हैं। हिंदू धर्मों में पूजा चाहे जैसी भी हो उसमें चावल यानी अक्षत का उपयोग जरूर किया जाता है। कन्या पूजन में भी कन्याओं को टीका लगाने के बाद अक्षत से पूजा जाता है। 

आज हम आपको यहां यही बताएंगे कि हिन्दू मान्यताओं में अक्षत को इतना पवित्र क्यों माना जाता है। साथ ही ये भी बताएंगे कि किस तरह का अक्षत चढ़ाना या लगाना शुभ होता है। आप भी पढ़िए क्यों क्या है अक्षत की मान्यता।

अक्षत का मतलब होता है बिना किसी कोई क्षति यानि किसी भी तरह से टूटा-फूटा नहीं होना चाहिए। हर चावल को आप अक्षत नहीं बुला सकते। जो चावल अपनी लंबाई के पूरे होते हैं और किसी भी तरह से टूटे नहीं होते उन्हें ही अक्षत बुलाया जाता है और उन्हीं का इस्तेमाल पूजा में किया जाता है। 

धान से निकला चावल माना जाता है सबसे शुद्ध

भगवान को बिल्कुल साफ और शुद्ध चीजें चढ़ाई जाती हैं। हम भी पूजा करते समय साफ-सफाई का ध्यान रखते हैं। वहीं अक्षत वाले चावल अगर धान से निकले हुए हों तो उसे और शुद्ध माना जाता है। धान के अंदर चावल होता है तो पशु-पक्षियों का जूठा किए जाने की संभावना कम होती है इसलिए इसे सबसे शुद्ध मानते हैं।

अक्षत से भागती हैं दुष्टात्माएं

शास्त्रों की मानें तो अक्षत के इस्तेमाल से दुष्टात्माएं दूर भाग जाती हैं। अक्षत लगाने से माना जाता है कि कुल देवता की कृपा भी आप पर बनी रहती है। वहीं अक्षत का कन्या पूजन में इस्तेमाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि चावल समृद्धि का प्रतीक है। माना जाता है कि पूजा में इसके इस्तेमाल से घर में लक्ष्मी प्रवेश करती है।

चावल या अक्षत से बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना भी होती है। इसलिए चावल को मस्तक के बीचों बीच लगाया जाता है। सिर्फ यही नहीं माथे पर आज्ञाचक्र होता है। जिससे मनुष्य को ऊर्जा भी मिलती है और वो अपना काम एकाग्रता से कर सकता है।

Web Title: Kanya Pujan 2019: what is importance of akshat or rice in hindu rituals

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