Kamika Ekadashi 2023: कब है कामिका एकादशी व्रत, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और कथा

By रुस्तम राणा | Published: July 8, 2023 02:11 PM2023-07-08T14:11:11+5:302023-07-08T14:11:48+5:30

इस बार कामिका एकादशी व्रत 13 जुलाई, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। आइए जानते हैं कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और व्रत कथा के बारे में 

Kamika Ekadashi 2023: When is Kamika Ekadashi fast, know date, auspicious time, fasting method and story | Kamika Ekadashi 2023: कब है कामिका एकादशी व्रत, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और कथा

Kamika Ekadashi 2023: कब है कामिका एकादशी व्रत, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और कथा

Kamika Ekadashi 2023: कामिका एकादशी, चतुर्मास की पहली एकादशी मानी जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी के नाम से जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कामिका एकादशी व्रत रख रखने से व्रती को समस्त प्रकार के पापों से छुटकारा मिल जाता है। वह कुयोनि में जन्म नहीं लेता है। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने का विधान है।

कामिका एकादशी पूजा मुहूर्त

एकादशी तिथि शुरू - 12 जुलाई 2023, शाम 05:59 बजे
एकादशी तिथि समाप्त - 13 जुलाई 2023, शाम 06:24 बजे 
कामिका एकादशी व्रत पारण - 14 जुलाई 2023, सुबह 05:32 बजे से - सुबह 08:18 बजे तक

कामिका एकादशी व्रत विधि

सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लें। पीले वस्त्र धारण करें। 
इसके बाद भगवान विष्णु जी को पंचामृत से स्नान करवाएं।  
मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
विष्णु जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। 
उन्हें हलवा-पूरी का भोग लगाएं। 
भोग में तुलसी को अवश्य शामिल करें।
शाम को तुलसी की पूजा करें। 
कामिका एकादशी व्रत कथा पढ़ें।
 सुबह व्रत पारण मुहूर्त में व्रत खोलें।
 अंत में ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देकर विदा करें। 

कामिका एकादशी व्रत कथा

एक नगर में वीर क्षत्रिय रहता था जो दिल का नेक था, किंतु उसे गुस्सा बहुत आता था। इसलिए कईबार इसी बात को लेकर कईबार उसका झगड़ा हो जाता था। क्रोधित स्वभाव के कारण ही एक दिन क्षत्रिय की लड़ाई एक ब्राह्मण से हो गई। क्षत्रिय अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं कर सका और उसने हाथापाई के दौरान एक ब्राह्मण की हत्या कर दी। इस कारण क्षत्रिय पर ब्राह्मण हत्या का दोष लगा।

क्षत्रिय को अपनी गलती का अहसास हुआ और इसका प्रायश्चित करने के लिए उसने ब्राह्मण के दाह संस्कार में शामिल होना चाहा। लेकिन पंडितों ने उसे ब्राह्मण की क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। ब्राह्मणों ने क्षत्रिय से कहा कि तुम ब्राह्मण की हत्या के दोषी हो। इस कारण उसे धार्मिक और सामाजिक कार्यों से भी बहिष्कार कर दिया गया।

इन सभी कारणों से परेशान होकर क्षत्रिय ने ब्राह्मणों से पूछा कि कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मैं इस दोष से मुक्त हो सकूं। तब ब्राह्मणों ने क्षत्रिय को कामिका एकादशी व्रत के बारे में बताया। पहलवान ने सावन माह की कामिका एकादशी का व्रत रखा और विधि विधान से इसका पालन किया। एक दिन क्षत्रिय को नींद में भगवान श्री हरि विष्णु के दर्शन हुए। भगवान विष्णु ने क्षत्रिय से कहा कि तुम्हें पापों से मुक्ति मिल गई है। इस घटना के बाद से ही कामिका एकादशी का व्रत रखा जाने लगा।

Web Title: Kamika Ekadashi 2023: When is Kamika Ekadashi fast, know date, auspicious time, fasting method and story

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