क्यों करती हैं महिलाएं जितिया व्रत, इसके पीछे है एक बेबस मां की कहानी

By गुलनीत कौर | Published: October 2, 2018 09:32 AM2018-10-02T09:32:17+5:302018-10-02T09:32:17+5:30

Jivitputrika Jitiya Vrat Date, Time, Significance, Importance, Jitiya Vrat katha in Hindi:3 दिन तक चलने वाला यह व्रत इस साल 1 अक्टूबर 2018 से प्रारंभ होगा और 3 अक्टूबर को व्रत का पारण किया जाएगा। 

Jivitputrika Jitiya vrat: date, time, significance, importance, jitiya vrat katha | क्यों करती हैं महिलाएं जितिया व्रत, इसके पीछे है एक बेबस मां की कहानी

क्यों करती हैं महिलाएं जितिया व्रत, इसके पीछे है एक बेबस मां की कहानी

हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को महिलाओं द्वारा अपनी संतान की मंगलकामना और लंबी आयु के लिए व्रत किया जाता है। इस व्रत को जितिया, जिउतिया या जीवित्पुत्रिका के नाम से भी जाना जाता है। 3 दिन तक चलने वाला यह व्रत इस साल 1 अक्टूबर 2018 से प्रारंभ होगा और 3 अक्टूबर को व्रत का पारण किया जाएगा। 

इस व्रत में महिलाएं सूर्योदय से पहले ही कुछ खाती-पीती हैं और फिर उसके बाद पूरे दिन निर्जला उपवास करना होता है। व्रत का पारण पूजा के साथ किया जाता है और इसके बाद ही कुछ खाया जाता है। लेकिन ये जीवित्पुत्रिका व्रत क्या है और कब से शुरू हुआ, आइए आपको बताते हैं व्रत की कथा।

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा

मिथिलांचल तथा पूर्वांचल में एक कथा बेहद प्रचलित है जो गन्धर्वों के राजकुमार ‘जीमूतवाहन’ से जुड़ी है। कहते हैं कि राजकुमार बड़े उदार एवं परोपकारी थे। इनके पिता ने शाही जीवन त्याग करते समय बड़ी ही कम आयु में पुत्र को राज्य के सिंहासन पर बैठाया और खुद आश्रम की ओर चल दिए।

कम उम्र के कारण राजकुमार का मन काफी चंचल था और उनका राजपाट में मन नहीं लगता था। उन्होंने कुछ दिन प्रयास किया परंतु जब सफलता हासिल ना हुई तो वे अपने भाईयों को राज्य सौंप खुद भी पिता के पास आश्रम चले गए। 

आश्रम में जीमूतवाहन ने साधारण जीवन प्रारंभ किया और कुछ समय बाद उनका विवाह मलयवती नाम की राजकन्या से भी हो गया। एक दिन वे जंगल से गुजर रहे थे कि उन्हें किसी स्त्री के विलाप करने की आवाज आई। खोजने पर उन्होंने देखा कि एक वृद्ध महिला रो रही है। उन्होंने उसके रोने का कारण पूछा।

ये भी पढ़ें: जितिया व्रत 2018: क्यों किया जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत, जानें व्रत नियम, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त

महिला ने बताया कि 'मैं नागवंश की स्त्री हूं। नियमानुसार रोजाना पक्षीराज गरुड़ को एक नाग की बलि दी जाती है और आज मेरे ही पुत्र की बारी है। लेकिन मेरा केवल एक ही पुत्र है। अगर मैं इसकी भी बलि दी दूंगी तो मैं कैसे अपना जीवन व्यतीत करूंगी।'

यह सुन जीमूतवाहन भी चिंता में पड़ गए लेकिन उन स्त्री की परेशानी का हल निकालने की ठान ली। उन्होंने स्त्री से कहा कि 'आप परेशान ना हों, आपके पुत्र को पक्षीराज नहीं लेकर जाएगा। उसकी बजाय आज मैं खुद को लाल पकडे में लपेटकर वध्य-शिला पर लेटूंगा। 

कहे मुताबिक जीमूतवाहन खुद की बलि देने के लिए पहुंच गए। कुछ देर बाद पक्षीराज गरुड़ वहां आए और लाल कपड़े में ढके अपने शिकार को पंजे में लेकर उड़ गए। रास्ते में उन्हें यह आभास हुआ कि पंजों में दबोचा हुआ प्राणी ना तो रो रहा है और ना ही उसके मुंह से कोई आवाज आ रही है।

उन्हें यह शक हुआ कि आखिर खुद को मौत के घाट उतार रहा प्राणी इतना शांत कैसे हो सकता है। वे बीच रास्ते रुके और लाल पकड़ा हटाकर जीमूतवाहन को बाहर निकाला। जीमूतवाहन को देखते ही पक्षीराज ने उनसे उनका परिचय पूछा।

तब जीमूतवाहन नी स्त्री से हुई उनकी सारी बात बताई कि कैसे वह एक महिला से मिले और उसके पुत्र के प्राणों की रक्षा के लिए खुद का जीवन त्यागने का फैसला किया। यह जान पक्षीराज हैरत में पड़ गए कि आखिर कैसे कोई किसी स्त्री को एक खुशी देने के लिए खुद का ही जीवन दाव पर लगा सकता है। 

जीमूतवाहन के इस साहस और बहादुरी को देखते हुए पक्षीराज ने उसे जीवनदान दिया और भविष्य में भी नागों की बलि की इस प्रथा पर विराम लगाया। इस कथा को आधार मानते हुए महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और मंगलकामना के लिए अश्विन मास की सप्तमी तिथि को राजकुमार जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। 

English summary :
Jivitputrika Jitiya Vrat Date, Time, Significance, Importance, Jitiya Vrat katha in Hindi: Every year, on the twenty-seventh day of the Krishna Paksha of Ashwin Mass, women are fasting for their children and long life for their children. This fast is also known as Jitu, Jitiaya or Jeevitutraika. The fast, which lasted for 3 days, will start from 1 October 2018 this year and the fast will be passed on October 3.


Web Title: Jivitputrika Jitiya vrat: date, time, significance, importance, jitiya vrat katha

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे