अमरनाथ यात्रा के लिए अढ़ाई लाख से ज्यादा ने करवाया पंजीकरण, हेलिकाप्टर बुकिंग भी चालू हुई
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 16, 2023 15:20 IST2023-06-16T15:19:16+5:302023-06-16T15:20:04+5:30
हिंदुओं की पवित्र धानों की यात्रा में से एक अमरनाथ यात्रा के लिए हेलिकाप्टर की आनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है।

फाइल फोटो
श्रीनगर: जम्मू में इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए हेलिकाप्टर की आनलाइन बुकिंग सेवा शुरू हो गई है। यह सेवा श्रीनगर , बालटाल और पहलगाम से मिलेगी। इस सेवा के शुरू होने से बुजुर्ग लोगों को विशेष तौर पर राहत मिलेगी।
इसके अलावा जिनके पास समय कम है वह भी इसका लाभ उठा सकते हैं। हालांकि इस बार देरी से आनलाइन हेलिकाप्टर बुकिंग सेवा शुरू हो रही है।
इस बीच अढ़ाई लाखसे अधिक श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं और श्राइन बोर्ड ने करंट पंजीकरण के लिए कई काउंटर खोलने की भी घोषणा की है।
इस बार राहत यह है कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने हेलिकाप्टर टिकट की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है, पिछले साल की दर्रों पर ही टिकट मिलेगी। बोर्ड से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अब तक ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु अग्रिम पंजीकरण करवा चुके हैं।
हेलिकाप्टर की बुकिंग मान्यता प्राप्त एजेंटों और अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से होगी। अमरनाथ की वार्षिक यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। पंजीकरण की प्रक्रिया यात्रा के अंत तक जारी रहेगी।
अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था जिसमें साधु भी शामिल होंगे, यात्री निवास भगवती नगर जम्मू और राम मंदिर जम्मू से 29 जून को रवाना होगा। यात्रा के दौरान हेलिकाप्टर सेवा को छोड़कर दोनों यात्रा मार्ग से रोजाना 15-15 हजार श्रद्धालुओं को रवाना किया जाएगा।
इसमें 13 वर्ष से कम की आयु 75 वर्ष से अधिक आयु वाले श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं है। अनुच्छेद 370 समाप्त करने से पहले यात्रा को रोक दिया गया था। इस बार अमरनाथ की यात्रा में रिकार्ड तोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
यही वजह है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से प्रदेश के प्रवेश द्वार लखनपुर से लेकर बालटाल और पहलगाम और फिर पवित्र गुफा तक सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
इस बार भी ड्रोन और आरएफआइडी यानि रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस से श्रद्धालु सुरक्षा एजेंसियों की आंख से पल भर के लिए भी ओझल नहीं हो सकेंगे।
प्रशासन करंट पंजीकरण के सहारे इस बार 8 से 10 लाख श्रद्धालुओं को यात्रा में शामिल होने का न्यौता देते हुए इस बार की अमरनाथ यात्रा को जम्मू कश्मीर के इतिहास की सबसे बड़ी यात्रा बनाने में जुटा हुआ है।
अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने माना था कि इतनी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्याप्क स्तर पर प्रबंध भी आवश्यक हैं। यही कारण था शिवभक्तों के प्रदेश में आने से पहले ही प्रशासन शिवमय हो चुका था।
ऐसा इसलिए था क्योंकि सरकार के अधिकतर विभाग और कर्मचारी व अधिकारी अपने कामों को छोड़कर अमरनाथ यात्रा और उसमें शामिल होने के लिए आने वालों के लिए प्रबंधों में जुटे हुए थे।
प्रदेश के प्रवेशद्वार लखनपुर से लेकर अमरनाथ गुफा तक दोनों मार्गों के अतिरिक्त अब श्रीनगर से गुफा तक की हेलीकाप्टर की सीधी उड़ान को कामयाब बनाने की खातिर प्रशासन ने पूरी ताकत और पूरा अमला झौंक दिया है।
टेंटों की बस्तियों के साथ साथ श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्थाएं अंतिम चरण में हैं क्योंकि यात्रा का पहला आधिकारिक जत्था इस महीने की 30 तारीख को जम्मू से रवाना होना है।
इतिहास की सबसे बड़ी यात्रा बनाने की कवायद में सबसे ज्यादा चिंता इसकी सुरक्षा की भी है। सुरक्षाधिकारी दबे स्वर में आप मानते हैं कि अमरनाथ यात्रा पर ड्रोन के साथ साथ स्टिकी बमों का खतरा बरकरार है तो हाइब्रिड आतंकी भी इसमें तड़का लगा सकते हैं जिनके बड़ी संख्या में दक्षिण कश्मीर के उन जिलों में पहुंचने की खबरें हैं जहां यह यात्रा संपन्न होनी है।