Holi 2020: लट्ठमार होली की आज से बरसाना और वृंदावन में शुरुआत, कैसे खेली जाती है ये और क्या है इसके पीछे कृष्ण और राधा से जुड़ी कथा, जानिए सबकुछ

By विनीत कुमार | Published: March 4, 2020 09:02 AM2020-03-04T09:02:28+5:302020-03-04T09:10:23+5:30

Lathmar Holi 2020: बरसाना में राधा जी का जन्म हुआ था। परंपरा के अनुसार फाल्गुन की शुक्ल पक्ष की नवमी को नंदगांव के लोग होली खेलने बरसाना गांव आते हैं।

Holi 2020: Lathmar Holi of Barsane and nandgaon, history and how Lathmar Holi with lord krishna and radha | Holi 2020: लट्ठमार होली की आज से बरसाना और वृंदावन में शुरुआत, कैसे खेली जाती है ये और क्या है इसके पीछे कृष्ण और राधा से जुड़ी कथा, जानिए सबकुछ

Lathmar Holi: आज से दो दिन चलेगी लट्ठमार होली

HighlightsLathmar Holi 2020: बरसाना और नंदगांव में है लट्ठमार होली की परंपरादुनिया भर से लोग आते हैं इसे देखने, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी का दिन सबसे खास

Lathmar Holi 2020: होलाष्टर के शुरू होने के साथ ही होली का उत्सव भी ब्रज क्षेत्र में शुरू हो गया है। इसमें सबसे अधिक लट्ठमार होली है। बरसाने की लट्ठमार होली न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय है। दुनिया के कोने-कोने से लोग इसे देखने आते हैं। खासकर फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन यहां का नजारा देखने लायक होता है। आज नवमी की ही तिथि है। इस दिन लोग रंगों, फूलों के साथ-साथ डंडों से होली खेलने की परंपरा निभाते हैं।

बरसाना और नंदगांव में लट्ठमार होली

ऐसी मान्यता है कि बरसाना में राधा जी का जन्म हुआ था। परंपरा के अनुसार फाल्गुन की शुक्ल पक्ष की नवमी को नंदगांव के लोग होली खेलने बरसाना गांव आते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार द्वापर युग में भगवान कृष्ण बरसाना होली खेलने गये और बिना फगुवा (नेग) दिए ही वापस लौट आए।

राधा जी ने इसके बाद बरसाना की अपनी सभी सखियों को एकत्र किया और बताया कि कन्हैया बिना फगुवा दिए ही लौट गए हैं। इसलिए सभी को नंदगांव चलकर उनसे फगुवा लेना है। अगले दिन सभी गोपियां नंदगांव पहुंची। इस स्वरूप में आज भी ये होली मनाई जाती है।

ऐसे भी कथा है कि बरसाना में होली खेलते समय कृष्ण जी दूसरी गोपियों और राधा जी के साथ ठिठोली करते हैं, जिसके बाद सारी गोपियां उन पर डंडे बरसाती हैं। गोपियों के डंडे से बचने के लिए नंदगाव के गोप लाठी और ढाल का सहारा लेते हैं। इसी लीला का आयोजन आज तक किया जा रहा है। पुरुषों को यहां हुरियारे और महिलाओं को हुरियारन कहा जाता है।

इस बार 4 और 5 मार्च को लट्ठमार होली

बरसाना और नंदगांव में इस बार 4 और 5 मार्च को लट्ठमार होली होली मनाई जा रही है। इससे पहले 3 मार्च को बरसाना में लड्डुओं से होली खेली जाती है। वहीं, 7 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली खेली जाएगी। इसके अलावा द्वारिकाधीश मंदिर में 10 मार्च को होली के दिन अबीर और गुलाल की होली खेली जाएगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और बांके बिहारी मंदिर में 6 मार्च को होली का उत्सव है। 

Web Title: Holi 2020: Lathmar Holi of Barsane and nandgaon, history and how Lathmar Holi with lord krishna and radha

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे