धनतेरस से भाई दूज तक, जानें सभी त्योहार के शुभ मुहूर्त और मनाने के लाभ
By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: October 23, 2019 08:18 IST2019-10-23T08:15:17+5:302019-10-23T08:18:38+5:30
सब मिलाकर पांच त्योहार एक पंक्ति में आते हैं या कहिए कि पांच दिन तक दिवाली चलती है। इनमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज यानी यम द्वितीया जैसी विशेष तिथियां शामिल हैं।

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)
आज की भाषा में कहा जाए तो दिवाली का त्योहार मानकर चलिए एक कॉम्बो पैकेज के साथ आता है। मतलब धनतेरस से जश्न शुरू होता है और भाई दूज तक चलता ही रहता है। सब मिलाकर पांच त्योहार एक पंक्ति में आते हैं या कहिए कि पांच दिन तक दिवाली चलती है। इनमें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज यानी यम द्वितीया जैसी विशेष तिथियां शामिल हैं।
इन सबमें दिवाली (इसे बड़ी दिवाली भी कहा जाता है) भारतीयों के लिए सबसे खास है। इस दिन अमीर से अमीर और गरीब से गरीब परिवारों के घरों की रौनक देखते ही बनती है। दिवाली के सप्ताह के दौरान और उससे कई दिनों पहले से ही बाजार भी जगमगा उठते हैं। कारोबारियों के लिए आर्थिक तरक्की के लिहाज से भारतीयों के ये महत्वपूर्ण त्योहार एकदम मुनाफे का सौदा रहे हैं, यह कहना गलत नहीं होगा। आइये आपको बताते हैं कि किस तिथि को कौन सा त्योहार मनाया जाएगा।
धनतेरस
इस बार धनतेरस शुक्रवार (25 अक्टूबर) को है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार का कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को यह त्योहार मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और असुरों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के दौरान इस तिथि को भगवान विष्णु के अंशावतार भगवान धन्वंतरी अमृत कलश लेकर निकले थे। मुख्यतौर पर यह त्योहार उन्हीं को समर्पित है। धनतेरस के दिन बर्तन, सोना, चांदी जैसी चीजें खरीदने का चलन है और इस दिन यमराज को प्रसन्न रखने के लिए शाम को घरों में उत्तर दिशा में दीपक जलाए जाते हैं। इस त्योहार को विधि पूर्वक मनाने पर लंबी आयु, अच्छी सेहत और आर्थिक लाभ मिलता है।
शुभ मुहूर्त 19:10 से 20:15 तक
प्रदोष काल-17:42 से 20:15 तक
वृषभ काल-18:51 से 20:47 तक
दिवाली
इस बार दिवाली रविवार (27 अक्टूबर) को है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम लंका विजयी होकर अयोध्या वापस आए थे इसलिए उनके स्वागत में लोगों ने दिये जलाए थे। लोगों ने भगवान के स्वागत में जश्न मनाया था तो वह परंपरा चली आ रही है। इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। दिवाली के दिन विधि पूर्वक पूजा करने पर हर तरह की दरिद्रता दूर होती है।
लक्ष्मी-गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त 18:44 से 20:15 तक
प्रदोष काल- 17:40 से 20:14 तक
वृषभ काल- 18:44 से 20:39 तक
भाई दूज
कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज आता है। यह त्योहार मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन यमुना को समर्पित है। पौराणिक कथा के अनुसार इस तिथि को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को टीका करती हैं और उन्हें स्वादिष्ट भोजन खिलाती हैं। वहीं, भाई बहनों को उपहार और रक्षा का वचन देते हैं। इस बार यह त्योहार मंगलवार (29 अक्टूबर) को पड़ेगा। भाई और बहन अगर यह त्योहार विधि पूर्व मनाते हैं तो वे दीर्घायु होते हैं और खुशी से जीवन व्यतीत करते हैं।
भाई दूज तिलक शुभ मुहूर्त- 13:11 से 15:25 तक