Onam 2020: क्या है ओणम का महत्व, इतिहास और इस पर्व की पौराणिक कथा

By गुणातीत ओझा | Updated: August 30, 2020 18:33 IST2020-08-30T18:33:57+5:302020-08-30T18:33:57+5:30

इस दौरान केरल में नौका रेस आदि का भी आयोजन किया जाता है और राज्य की संस्कृति की अनोखी झलक देखने को मिलती है। ओणम के दौरान घरों को फूलों से सजाने और दरवाजों पर रंगोली बनाने की भी परंपरा है।

happy onam 2020 know the significance and importance of this festival shubh muhurt | Onam 2020: क्या है ओणम का महत्व, इतिहास और इस पर्व की पौराणिक कथा

जानें ओणम त्योहार के बारे में सबकुछ।

Highlightsओणम का उत्सव इस बार 22 अगस्त से 2 सितंबर के बीच, केरल में विशेष तैयारीमान्यताओं के अनुसार ओणम के मौके पर हर साल राजा बलि केरल आते हैं

Onam 2020: ओणम का त्योहार दक्षिण भारत और खासकर केरल में खूब धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का किसानों और खेती से भी गहरा संबंध है। अच्छी पैदावार के लिए हर साल जश्न के तौर पर 10 दिनों तक मनाये जाने वाले ओणम त्योहार का समापन इस बार 2 सितंबर को हो रहा है। दक्षिण भारत में 22 अगस्त से ही ओणम का उत्सव जारी है। ओणम के मौके पर घरों में दीप जलाने और पूजा-अर्चना की परंपरा है।

मान्यता है कि इन दिनों में राजा बलि (प्रह्लाद के पोते) अपने राज्य में लौटते हैं। उन्हीं के स्वागत-सत्कार के लिए यह उत्सव मनाया जाता है।

Onam 2020: ओणम का महत्व और पौराणिक मान्यताएं

मलयालम कैलेंडर के अनुसार ओणम चिंगम महीने में मनाया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में पड़ता है। इस साल यह उत्सव 22 अगस्त से 2 सितंबर के बीच मनाया जा रहा है। ओणम उत्सव में चार दिन सबसे अहम होते हैं। पहला सबसे महत्वपूर्ण दिन 'उत्तरादम' है। मान्यता है कि इसी दिन राजा महाबलि केरल आते हैं। 

इसके बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दिन 'थिरु ओणम या थिरुवोनम' है। यह खास दिन इस बार 30 अगस्त से शुरू होकर 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है। मान्यता है कि राजा महाबलि इस दिन लोगों के घरों में आते हैं। इसके बाद उत्सव तीसरा सबसे अहम दिन 'अवितम' है जिसके तहत राजा बलि के विदाई की तैयारियां की जाती हैं। इसके बाद उत्सव का आखिरी दिन 'चत्तयम' होता है। इसके बाद भी राज्य में कई दिनों तक ओणम का उत्सव जारी रहता है।

इस दौरान केरल में नौका रेस आदि का भी आयोजन किया जाता है और राज्य की संस्कृति की अनोखी झलक देखने को मिलती है। ओणम के दौरान घरों को फूलों से सजाने और दरवाजों पर रंगोली बनाने की भी परंपरा है।

ओणम शुभ मुहूर्त

-ओणम महोत्सव का प्रारंभ- 21 अगस्त, शुक्रवार
-थिरुवोणम नक्षत्र आरम्भ- अगस्त 30, 2020 को दोपहर 01 बजकर 52 मिनट से
-थिरुवोणम नक्षत्र समाप्त- अगस्त 31, 2020 को दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक
-ओणम महोत्सव का अंतिम दिन- 2 सितंबर, बुधवार

Web Title: happy onam 2020 know the significance and importance of this festival shubh muhurt

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