Ganga Dussehra 2024: इस बार गंगा दशहरा में बन रहे हैं ये 4 शुभ योग, शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान से होगी अक्षय पुण्य की प्राप्ति
By रुस्तम राणा | Updated: June 7, 2024 15:13 IST2024-06-07T15:13:04+5:302024-06-07T15:13:09+5:30
Ganga Dussehra 2024 Date: इस वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को देर रात 2 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 17 जून को ब्रह्म बेला 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। ऐसी स्थिति में गंगा दशहरा 16 जून 2024 को ही मनाया जाएगा।

Ganga Dussehra 2024: इस बार गंगा दशहरा में बन रहे हैं ये 4 शुभ योग, शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान से होगी अक्षय पुण्य की प्राप्ति
Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन का हिंदू धर्म में बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। देवी गंगा साक्षात् देवी हैं जो जल के रूप में पृथ्वी पर विद्यमान हैं। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को देर रात 2 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 17 जून को ब्रह्म बेला 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। ऐसी स्थिति में गंगा दशहरा 16 जून 2024 को ही मनाया जाएगा।
इस बार गंगा दशहरा में शुभ योग
गंगा दशहरे पर बने हैं ये शुभ योग गंगा दशहरे पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग व वरीयान योग जैसे 4 शुभ योग का अद्भुत संयोग बना है। इन शुभ योग में गंगा स्नान करने और दान पुण्य के कार्य करने से आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं इस भीषण गर्मी में गंगा स्नान करने से आपके दिमाग को ठंडक आपके शरीर को तरावट मिलती है।
गंगा दशहरा 2024: तिथि और समय तिथि तिथि और समय
दशमी तिथि प्रारंभ 16 जून 2024 - 02:32 पूर्वाह्न
दशमी तिथि समाप्त 17 जून 2024 - 04:43 पूर्वाह्न
गंगा दशहरा 2024: पूजा विधि
शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान करें। यदि घर हैं तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
स्नान के दौरान ऊं नम: शिवाय नारायण्यै दशहराय गंगाय नम: का जाप करें।
इस दिन 10 अंक का विशेष महत्व है।
पूजा करते समय सभी सामग्रियों को 10 की मात्रा में चढ़ाएं।
जैसे 10 फूल, 10 दीपक, 10 फल आदि।
गंगा दशहरा 2024: अनुष्ठान
इस दिन सुबह जल्दी उठकर लोग पवित्र गंगा नदी में स्नान करते हैं। वे भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और फिर फूल, मिठाइयाँ चढ़ाकर गंगा मैया की पूजा करते हैं, और कुछ भक्त देवी गंगा को कपड़े भी चढ़ाते हैं। शाम को वे फिर से गंगा घाटों पर जाते हैं और देसी घी का दीया जलाते हैं और दीप दान समारोह करते हैं। सभी गंगा घाटों को दीयों से सजाया जाता है और देवी के सम्मान में आरती भी की जाती है।
गंगा दशहरा 2024: महत्व
गंगा दशहरा का हिंदुओं के बीच अपना धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह देवी गंगा की जयंती के शुभ दिनों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यही वह दिन था जब मां गंगा इस धरती पर अवतरित हुई थीं। वह जीवित देवी हैं जो पवित्र नदी के रूप में आज भी इस धरती पर विद्यमान हैं। भक्त देवी गंगा की पूजा करते हैं और गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं। यह भी माना जाता है कि जो लोग पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं, उन्हें सभी प्रकार की नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है और यह शरीर, मन और आत्मा को भी शुद्ध करती है।