Ganesh Chaturthi 2025: क्यों 10 दिनों तक मनाई जाती है गणेश चतुर्थी? जानिए इसके पीछे की असल कहानी
By अंजली चौहान | Updated: August 29, 2025 05:24 IST2025-08-29T05:24:18+5:302025-08-29T05:24:18+5:30
Ganesh Chaturthi 2025:ये दस दिन भगवान गणेश के पृथ्वी पर रहने और अपने भक्तों पर आशीर्वाद बरसाने के प्रतीक हैं।

Ganesh Chaturthi 2025: क्यों 10 दिनों तक मनाई जाती है गणेश चतुर्थी? जानिए इसके पीछे की असल कहानी
Ganesh Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण है जिसे खासतौर पर महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है। 27 अगस्त, 2025 को शुरू हो रहा है, जो पूरे भारत में भक्ति, उल्लास और सांस्कृतिक उत्साह लेकर आएगा। धूमधाम से मनाया जाने वाला यह दस दिवसीय उत्सव, विघ्नहर्ता और समृद्धि के अग्रदूत भगवान गणेश के जन्मोत्सव का प्रतीक है। लेकिन गणेश चतुर्थी पूरे 10 दिनों तक क्यों मनाई जाती है? आइए बताते हैं आपको इसके पीछे की कहानी...,
पौराणिक मान्यताएं
महाभारत लेखन: सबसे प्रचलित कथा के अनुसार, महर्षि वेदव्यास ने महाभारत ग्रंथ को लिखने के लिए भगवान गणेश से प्रार्थना की थी। गणेश जी ने यह शर्त रखी कि वे बिना रुके लगातार लिखेंगे, और यदि वेदव्यास एक पल के लिए भी रुकते हैं, तो वे लिखना बंद कर देंगे। वेदव्यास जी ने भी शर्त रखी कि गणेश जी को लिखने से पहले हर श्लोक का अर्थ समझना होगा। इस प्रकार, गणेश जी ने लगातार 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत लिखा। लगातार लेखन के कारण उनका तापमान बढ़ गया, तब वेदव्यास जी ने 10वें दिन उन्हें नदी में स्नान करवाया ताकि उनका शरीर ठंडा हो सके। इसी घटना की याद में 10 दिनों तक गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है, और 10वें दिन गणेश विसर्जन किया जाता है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारण
लोकमान्य तिलक का योगदान: ऐतिहासिक रूप से, गणेश चतुर्थी पहले एक निजी पारिवारिक त्योहार था। 19वीं शताब्दी के अंत में, स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इसे एक सार्वजनिक उत्सव के रूप में पुनर्जीवित किया। ब्रिटिश शासन के दौरान, राजनीतिक सभाओं पर प्रतिबंध था। तिलक ने इस उत्सव का उपयोग लोगों को एकजुट करने और राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में किया। उन्होंने इसे 10 दिनों का उत्सव बनाया ताकि लोग इकट्ठा हो सकें और स्वतंत्रता आंदोलन पर चर्चा कर सकें।
दिव्यता का प्रतीक: 10 दिनों की अवधि को पृथ्वी पर भगवान गणेश की उपस्थिति का प्रतीक माना जाता है। भक्तों का मानना है कि इन 10 दिनों के दौरान गणेश जी स्वयं पृथ्वी पर आते हैं, भक्तों के घरों में वास करते हैं, और उनकी सभी बाधाओं को दूर करते हैं।
इस प्रकार, गणेश चतुर्थी का 10 दिनों का उत्सव धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टिकोणों से बहुत महत्वपूर्ण है। यह भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा, ज्ञान और एकता का प्रतीक है।
(डिस्क्लेमर: मौजूद आर्टिकल में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है, कृपया सटीक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।)